काठमांडू, 22 फरवरी (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सोमवार को नेपाल को हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और उसे लागू करने की सलाह दी, ताकि नेपाल को सबसे कम विकसित देशों से विकासशील देश बनाया जा सके।
काठमांडू, 22 फरवरी (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सोमवार को नेपाल को हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और उसे लागू करने की सलाह दी, ताकि नेपाल को सबसे कम विकसित देशों से विकासशील देश बनाया जा सके।
चीन, जापान, भारत और नेपाल के विशेषज्ञों का मानना है कि हरित अर्थव्यवस्था से नेपाल को एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा और 2015 में आए भूकंप से भी उबरने में मदद करेगा जिसमें 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक इन विशेषज्ञों ने यहां आयोजित ‘मेक नेपाल ग्रीन’ नाम के दोदिवसीय संगोष्ठी में ये बातें कहीं।
जर्मनी के नेता और राईट लिवलीहुड अवार्ड फाउन्डेशन के संस्थापक मोनिका ग्रिफहान ने कहा, “इस संगोष्ठी से टिकाऊ विकास के सिद्धांत पर आधारित सफल और व्यावहारिक समाधान निकल सकता है क्योंकि इसमें हरित अर्थव्यवस्था के लिए वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार विजेता भाग ले रहे हैं।”
नेपाल ने साल 2022 तक विकासशील देश की कतार में शामिल होने का लक्ष्य रखा है। इसका कारण है कि नेपाल में प्रमुख उत्पादन संसाधन पहले से ही उपलब्ध है। संगोष्ठी में उपस्थित उद्यमियों ने दावा किया कि हरित अर्थव्यवस्था के क्रियान्वयन से लागत में भी कमी आएगी।
हाई-मिन सोल के संस्थापक हुआंग मिंग ने बताया, “किसी विकसित देश के लिए नई तकनीक के प्रति बदलाव लाना मुश्किल होता है, लेकिन नेपाल जैसे देश सौर तकनीक का काफी लाभ उठा सकते हैं। यह नेपाल के लिए बेहद व्यावहारिक और उपयुक्त होगा।”
इस दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन सपोर्ट एक्टिविटीज ऑर पूअर प्रोड्यूर्सस ऑफ नेपाल (एसएपीपीआरओएस-नेपाल) और राईट लिवलीहुड अवार्ड फाउंडेशन ने मिलकर किया।