काठमांडू, 23 मार्च – नेपाल ने उत्तरी और दक्षिणी, दोनों तरफ के सभी सीमा प्रवेशद्वार को सील कर दिया है। इस घातक महामारी से लड़ने के लिए 40 लाख डॉलर का फंड तैयार किया है। प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, सीमा प्रतिबंध सोमवार सुबह 10 बजे (स्थानीय समय अनुसार) लागू कर दिया गया है जो एक सप्ताह तक चलेगा।
द हिमालयन टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोविद-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के बाद सरकार ने यह फैसला लिया। भारत के साथ नेपाल 1,800 किलोमीटर की खुली सीमा साझा करता है।
सरकार ने प्रभावी अंकुश सुनिश्चित करने के लिए सीमा पर सेना के जवान और पुलिस की एक संयुक्त टीम को भेजने का फैसला किया है।
वित्त, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री युवराज खाटीवाड़ा ने बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा, “हमने यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया है कि कोरोनोवायरस का प्रसार लोगों के अवागमन के माध्यम से फैलता है।”
अन्होंने आगे कहा, “माल का आयात और निर्यात हमेशा की तरह जारी रहेगा।”
सरकार ने महामारी की चपेट में आए संक्रमितों के उपचार के लिए 40 लाख डॉलर का प्रारंभिक योगदान करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली समेत सभी मंत्री अपने एक महीने के वेतन को निधि में योगदान देंगे।
द हिमालयन समय ने खातीवाड़ा का हवाला देते हुए कहा, “इस फंड में कोई भी अपना योगदान कर सकता है।”
सरकार ने कोविद-19 रोगियों के उपचार के लिए विशेष रूप से नेपाल पुलिस अस्पतालों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
सरकार ने बाजार में कालाबाजारी पर रोकथाम के लिए निगरानी तेज करने के निर्देश दिए हैं।
नेपाल ने अब तक कोरोनोवायरस के केवल एक मामले की पुष्टि की है, जो पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सबसे कम है।
–आईएएनएस
सरकार ने महामारी के चपेट में अ)ए संक्रमितों के उपचार के लिए 4 मिलियन डालर का प्रारंभिक योगदान करने का निर्णय लिया है।
प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली समेंत सभी मंत्री अपने एक महीने के वेतन को निधि में योगदान देंगे।
द हिमालयन समय ने खातीवाड़ा का हवाला देते हुए कहा, “इस फंड में कोई भी अपना योगदान कर सकता है।”
सरकार ने कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए विशेष रूप से नेपाल पुलिस अस्पतालों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
सरकार ने बाजार में कालाबाजारी पर रोकथाम के लिए निगरानी तेज करने के निद्श दिए हैं।
नेपाल ने अब तक कोरोनोवायरस के केवल एक मामले की पुष्टि की है, जो पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सबसे कम है।