अनिल गिरि
अनिल गिरि
काठमांडू, 10 जून (आईएएनएस)। वर्ष 2006 के बाद नेपाल के कट्टरपंथी माओवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के बाद राजनीतिक पार्टियों के बीच बने आपसी समझ की तारीफ की।
येचुरी ने बुधवार को यहां प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टियों ने भूकंप के बाद राजनीतिक परिपक्वता और एकता दर्शाई है।
माकपा नेता यहां प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का दान देने आए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री सुशील कोइराला से बलुआतार स्थित आधिकारिक आवास पर बुधवार सुबह मुलाकात कर चेक सौंपा।
नेपाल की तीन मुख्य राजनीतिक पार्टियों और मधेश स्थित पार्टी के एक धड़े ने सोमवार को संविधान के प्रस्ताव की प्रक्रिया से संबंधित 16 नए बिंदुओं पर हस्ताक्षर किया और आठ प्रांतीय मॉडल पर सहमति जताई।
यह समझौता नेपाल में नए संविधान की घोषणा की राह तैयार करेगा जिसकी उम्मीद 2008 को संविधान सभा के पहले चुनाव के बाद से ही की जा रही है।
इसे अधिकतर राजनीतिक वर्ग में सराहा गया, लेकिन मधेशी पार्टी के एक धड़े ने इसे प्रतिगामी करार दिया और इसका विरोध किया।
येचुरी के नेपाल के विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से संपर्क हैं और, उन्होंने कहा कि जो इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें भरोसे में लिए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “हमारे मामले को ही लीजिए। विभिन्न क्षेत्रों और समुदाय की मांगों को पूरा करने के लिए भारतीय संविधान में 113 बार संशोधन हो चुके हैं और संघवाद पर फैसले के लिए 10 साल का वक्त लग जाता है।”
येचुरी ने कहा कि भारतीय संविधान ने नेपाल के पुनर्निर्माण के प्रयास को लेकर पहले ही प्रस्ताव पारित कर दिया है और नई दिल्ली कठिन वक्त में नेपाल को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है।
माकपा नेता ने कहा कि पार्टी की तरफ से इकट्ठा किए गए पैसे भारतीय लोगों द्वारा दान में दिया गया वास्तविक योगदान है, क्योंकि यह किसी उद्योगपति या व्यावसायिक घरानों के तरफ से दिया गया दान नहीं है।
येचुरी नेपाल की बड़ी राजनीतिक पार्टियों के कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे और राजनीतिक हालात का जायजा लेंगे।