पटना, 11 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘डीएनए’ के संदर्भ में दिए गए बयान को लेकर बिहार में सियासत गर्म है। बयान को लेकर जनता दल (युनाइटेड) जहां ‘शब्द वापसी अभियान’ शुरू किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राजनीतिक डीएनए की जांच चिकित्सक नहीं, जनता करती है।
मोदी मंगलवार को पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “डीएनए की जांच पितृत्व जांच के लिए होता है। यदि नीतीश अपने कार्यकर्ताओं की जांच करवाना चाहते हैं तो करवाएं, लेकिन राजनीतिक डीएनए की जांच चिकित्सक नहीं, जनता करती है। नीतीश को थोड़ा सब्र करना चाहिए।”
मोदी ने कहा कि दो महीने के बाद जनता चुनाव में नीतीश और लालू प्रसाद के राजनीतिक डीएनए की जांच रिपोर्ट देने वाली है।
उन्होंने आगे कहा, “जनता नीतीश से उनके मुख्यमंत्रित्व काल के 25 महीनों का हिसाब मांग रही है, लेकिन असली मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए वे डीएनए का मुद्दा उठा रहे हैं।”
इधर, जद (यू) प्रधानमंत्री के डीएनए के संदर्भ में दिए गए बयान के विरोध में ‘शब्द वापसी अभियान’ चला रही है। इसके तहत मंगलवार को पटना में महाधरना का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को 50 लाख लोगों के सैंपल भेजने की घोषणा की है।