पटना, 5 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार भी खुद को बिहार समझने लगे हैं जैसे आपातकाल के समय इंदिरा गांधी खुद को इंडिया समझने लगी थी, परंतु अब वह जमाना चला गया। उन्होंने कहा कि नीतीश का ‘डीएनए’ विश्वासघात का है, बिहार की जनता का नहीं।
नीतीश कुमार द्वारा ‘डीएनए’ के संदर्भ में खुला पत्र जारी करने के विषय में पूछे जाने पर मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि विश्वासघात का डीएनए नीतीश कुमार का है, बिहार की जनता का नहीं। बिहार के लोग तो खुद आधा पेट खाकर भी अतिथि को भरपेट भोजन कराते हैं। अतिथि सत्कार बिहार का डीएनए है, लेकिन नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं को दावत देने के बाद सामने से थाली खींचकर साबित कर दिया था कि उनका डीएनए अलग है।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों का डीएनए तो विश्वास, सद्भाव और अतिथि सत्कार का है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक डीएनए धोखा, तिरस्कार और अहंकार से बना है। उन्होंने लोहिया के गैर कांग्रेसवाद से लेकर भाजपा और महादलित नेता जीतनराम मांझी तक को धोखा दिया।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस की संगत का असर है कि नीतीश कुमार खुद को बिहार का पर्याय बताकर 11 करोड़ बिहारियों का अपमान कर रहे हैं। आपातकाल में इंदिरा गांधी भी स्वयं को भारत समझने लगी थीं।
नीतीश ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक खुला पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है, “कुछ दिनों पहले बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आपने मेरे डीएनए पर जो टिप्पणी की, उससे मुझे और समाज के एक बड़े तबके को गहरी ठेस पहुंची है। मेरा मानना है कि आपके इन शब्दों से न सिर्फ बिहार बल्कि राज्य से बाहर रहने वाले लोगों ने भी खुद को अपमानित महसूस किया है।”