नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने गुरुवार को कहा कि भारत को अर्थव्यवस्था के वर्तमान संक्रमणकालीन चरण में प्रतिस्पर्धा आयोग की तरह एक निष्पक्ष व्यापार नियामक की जरूरत है ताकि कुलीन-तंत्र, एकाधिकार या व्यापारिक सांठगांठ को रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान केंद्र सरकार ‘न तो व्यापारियों की हितैषी और न हीं दुश्मन है’।
नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने गुरुवार को कहा कि भारत को अर्थव्यवस्था के वर्तमान संक्रमणकालीन चरण में प्रतिस्पर्धा आयोग की तरह एक निष्पक्ष व्यापार नियामक की जरूरत है ताकि कुलीन-तंत्र, एकाधिकार या व्यापारिक सांठगांठ को रोका जा सके। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान केंद्र सरकार ‘न तो व्यापारियों की हितैषी और न हीं दुश्मन है’।
प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा प्रतिस्पर्धा कानून पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीतारमन ने कहा, “हमें एक ऐसे प्रतिस्पर्धा आयोग की जरूरत है जो देश की आज की स्थिति से चीजों को देखे न कि यह समझे कि हम पूरी तरह से मुक्त बाजार में हैं, और हमें ऐसे नियामक की जरूरत है जो न्यूनतम या फिर हमें नियामक की जरूरत ही नहीं है।”
मंत्री ने कहा, “कपटपूर्ण बोली, आपसी व्यापारिक सांठगांठ.. यह गंभीर मुद्दे हैं, इसलिए सीसीआई की निष्पक्ष व्यापार के साथ ही उपभोक्ताओं के लाभ के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका है।”
उन्होंने सीसीआई द्वारा हाल ही में सीमेंट कंपनियों की सांठगांठ पर जुर्माना लगाने के कदम का उल्लेख करते हुए कहा, “पिछले महीने सीसीआई ने सरकार को सीमेंट की आपूर्ति की बोलियों में सांठगांठ के मामले में सीमेंट कंपनियों को दंडित किया था।”
उन्होंने कहा, “भारत की सिंगापुर या चीन से तुलना नहीं की जा सकती है। क्योंकि हम सिंगापुर की तरह मुक्त अर्थव्यवस्था नहीं हैं। इसका यह कारण है कि देश का सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्तर एक समान नहीं है। तो हमें अभी सोच-समझ कर नीतियों का क्रियान्वयन करना होगा।”