निर्मल गंगा अभियान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
हरिद्वार । विश्व की सबसे पवित्रतम नदी गंगा मैया को स्वच्छ रखने के लिए गायत्री परिवारशांतिकुंज ने दस वर्षीय निर्मल गंगा अभियान का शानदार आगाज किया।इसके तहत उत्तरी भारत के विभिन्न अंचलों से आये स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण काक्रम चला। प्रशिक्षणार्थियों को गंगा जल के विभिन्न स्तरों की जाँच करने कीपद्धति, वायु प्रदूषण के उपाय एवं पौधारोपण पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
निर्मल गंगा अभियान के प्रथम चरण के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुएव्यवस्थापक गौरीशंकर शर्मा ने कहा कि करनी और कथनी जब तक भिन्न होगी तबतक सफलता संभव नहीं। माँ गंगा को निर्मल धवल बनाने की अनेक योजनाएँ चल रहीहैं, किन्तु कथनी की भिन्नता के कारण हम स्वयं कहीं न कहीं गंगा को अपवित्र कररहे हैं। हमारा निर्मल गंगा अभियान का प्रमुख कार्य जन सहभागिता और जनजागरण का है। जनजागरण से ही धवल निर्मल गंगा धरा पर उतर सकेगी। औद्योगिक, नाली आदिप्रदूषणों को करने वाले और कोई नहीं हम और आप हीं हैं। जो एक तरफ गंगा को माँ कहते हैं और दूसरी तरफ उसी में कूड़ा-कचरा डालकर उसे गंदा कर रहे हैं। हमें ऐसेलोगों को जागृत करने का अभियान चलाना है।
अपनी चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि गौमुख से हरिद्वार तक आते-आते गंगा में कितने ही नाले जुड़ जाते हैं।हमारा अभियान उसकी सफाई के साथ भविष्य में गंदगी न हो उस पर हमारा भी ध्यान होना चाहिए।
इसके साथ ही निर्मल गंगा अभियान की पूरी कार्य पद्धति पर इंजीनियर कालीचरण शर्मा ने प्रकाश डाला। एक अपै्रल से प्रारंभ हो रहे निर्मल गंगा अभियान कोपाँच स्तरों पर बाँटा गया है। सर्वप्रथम गंगा तटों एवं तटीय स्थलों केसर्वेक्षण का कार्य प्रारम्भ होगा, जो निरंतर जून माह तक चलता रहेगा। दूसरेचरण में चौमासा (बरसाती चातुरमास) में गंगा अवतरण से लेकर जनजागरण अभियानचलाया जाएगा। ऐसे ही तीन चरण आगे होते रहेंगे।
इसके साथ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफहाइड्रोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ सीके जैन, मप्र के नदी एवं तालाब संरक्षकइंजीनियर योगेन्द्रगिरी, उत्तरप्रदश् के प्रमुख वन संरक्षक श्री राधाकृष्णदुबे, हिमाचल हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार सालिगराम अत्रि ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस संगोष्ठी में गंगोत्री से लेकर गंगासागर के तटों, तटीयस्थलों को स्वच्छ रखने हेतु राष्ट्रीय संगोष्ठी में गंगा तटीय प्रांतों के 500से अधिक कर्मठ स्वयंसेवकों ने भागीदारी की। उद्घाटन सत्र का संचालन रचनात्मकप्रकोष्ठ के समन्वयक केदार प्रसाद दुबे ने किया। इस अवसर पर डॉ ओपी शर्मा, डॉ.एके दत्ता, केसरी कपिल, एचपी सिंह, गंगाधर चौधरी, सुधीर सोनी सहित अनेक लोगउपस्थित थे।