नई दिल्ली, 31 मार्च – दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। मिली जानकारी के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज से आज (मंगलवार) तड़के 860 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया है। कुल मिलाकर इस मरकज में लगभग 1400 सौ लोग ठहरे हुए थे, सभी को इस मरकज से निकाल दिया गया है। ये सभी लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने यहां आए हुए थे।
मरकज में आए जिस शख्स की मौत सोमवार को हुई थी, अब उसके परिवार को एकांतवास में रखा गया है। इसके साथ ही तेलंगाना और तमिलनाडु में निजामुद्दीन के मरकज से गए लोगों की तलाश जारी है।
तेलंगाना में 194 लोगों को क्वारंटीन किया गया, जबकि तमिलनाडु में 981 लोगों की पहचान कर ली गई और इनका टेस्ट किया जा रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन के तबलीगी जमात के मरकज में करीब 14 सौ लोग ठहरे हुए थे, जिसमें कई विदेशी भी शामिल थे। जमात के विदेशी मेहमानों में ज्यादातर मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक बताए जा रहे हैं।
दिल्ली आने से पहले ये ग्रुप 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच मलेशिया गया था, जहा यहां ये लोग एक धार्मिक जलसे में शामिल हुए थे। जमात के कई लोगों के कोरोना से पीड़ित होने के मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस और मेडिकल की टीम भी सोमवार को फौरन मौके पर पहुंची। सोमवार देर रात तक मरकज को खाली कराने का सिलसिला चलता रहा। मरकज में शामिल 14 सौ लोगों में 11 के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है। इन 11 में 10 लोग इंडोनेशिया के नागरिक हैं। 34 लोगों के सैंपल जांच के लिए अस्पताल भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट का इंतजार है। इस बीच जान गंवाने वाले शख्स के 18 परिजनों को हैदराबाद में क्वारंटीन किया गया है।
मरकज से सोमवार रात भी करीब 100 से ज्यादा संदिग्ध लोगों को 3 बसों में भरकर ले जाया गया। हेल्थ विभाग की टीम, क्षेत्र के डीएम और पुलिस की टीम ने मिलकर इन्हें मरकज से निकाला। इसमें जो ज्यादा बीमार लग रहे हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि संदिग्ध लोगों को नरेला में आइसोलेशन में भेजा गया है।
इस लापरवाही को लेकर तब्लीगी जमात के सेंटर के मौलाना के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है।
हालांकि, मरकज की तरफ से मौलाना यूसुफ ने सफाई दी है कि लॉकडाउन लागू होने से पहले ही वहां पर देशी विदेशी गेस्ट ठहरे हुए थे। लिहाजा उन्होंने सरकार के आदेश का पालन किया कि जो जहां है वहीं ठहरे।