इंफाल, 23 फरवरी (आईएएनएस)। नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने कहा है कि उसके कार्यकर्ताओं का कथित तौर पर उत्पीड़न करनेवाले सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे मंगलवार आधी रात से नागा आबादी वाले इलाकों में मणिपुर के वाहनों का प्रवेश बंद कर देंगे।
नागालैंड स्थित एनएसएफ के अध्यक्ष सुबेंथिंग किगम ने एक बयान में कहा कि 15 फरवरी को उनके कुछ कार्यकर्ताओं का कथित तौर पर उत्पीड़न करने वाले पुलिस कमांडो के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्य के पांच पर्वतीय जिलों सहित नागा आबादी वाले इलाकों में मणिपुर के वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा।
एनएसएफ के मुताबिक, नागा इलाकों में वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी। इनमें नागालैंड, मणिपुर और पड़ोसी राज्यों के नागा आबादी वाले क्षेत्र शामिल हैं।
एनएसएफ ने कहा कि उसके सदस्य लुई नगाई नी पर्व में हिस्सा लेने के लिए उखरूल जिला जा रहे थे। रास्ते में इंफाल के निकट मंत्री पुखरी इलाके में उन्हें रोक लिया गया।
मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह को 16 फरवरी को दिए एक ज्ञापन में कहा गया कि कमांडो ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का उत्पीड़न किया, उनके मोबाइल फोन छीन लिए तथा उन्हें अनावश्यक रूप से हिरासत में रखा।
सुरक्षाकर्मियों पर कोई कार्रवाई न होता देख एनएसएफ ने कोहिमा में सोमवार को एक बैठक बुलाई और वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया।
पुलिस महानिदेशक एल.एम.खाउते ने कहा, “हमने अपने नागालैंड के समकक्ष लीन डोंगल से मंगलवार को दो बार बातचीत की। हमने उनसे नागालैंड में यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि न तो वाहनों को कोई क्षति पहुंचे और न चालकों को कोई नुकसान हो।”
कथित उत्पीड़न पर उन्होंने कहा, “प्रक्रिया के मुताबिक, कमांडो ने उनसे वापस लौटने के लिए कहा। उन्होंने इंकार कर दिया। हालांकि बाद में उन्हें जाने दिया गया।”
सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि अंतर्राज्यीय बस, ट्रक व निजी वाहन चलाने वाले कोई जोखिम नहीं लेना चाहते। डेडलाइन खत्म होने से पहले वे मणिपुर लौट जाना चाहते हैं और बुधवार से उनके द्वारा पांच पहाड़ी जिलों में गाड़ियों का परिचालन न करने की संभावना है।