पटना, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी में दानापुर के समीप एक मंदिर में एक अनोखी शादी हुई, जिसमें बिन ब्याही मां दुल्हन बनी और बाराती बने अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी। नवजात बेटा इस विवाह का गवाह बना। वह अपनी नन्ही आखों से टुकुर-टुकुर माता-पिता को सात फेरे लेते देखता रहा।
पटना, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी में दानापुर के समीप एक मंदिर में एक अनोखी शादी हुई, जिसमें बिन ब्याही मां दुल्हन बनी और बाराती बने अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी। नवजात बेटा इस विवाह का गवाह बना। वह अपनी नन्ही आखों से टुकुर-टुकुर माता-पिता को सात फेरे लेते देखता रहा।
दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन ने गुरुवार को बिना ब्याही मां प्रियंका को न केवल उसके प्रेमी राहुल कुमार से मिलवाया, बल्कि पेठिया बाजार स्थित सोनारी मंदिर में दोनों का हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक विवाह कराया।
अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने आईएएनएस को बताया कि पटना के कुर्जी निवासी प्रियंका प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। बुधवार की शाम प्रियंका ने एक बेटे को जन्म दिया।
प्रियंका ने रोते हुए अपने प्यार की कहानी एक नर्स को बताई। नर्स ने बच्चे के जन्म की बात फोन द्वारा प्रियंका के प्रेमी मुगलसराय निवासी राहुल को बताई। राहुल भी अपने प्यार की निशानी से मिलने के लिए व्यग्र हो उठा। वह फौरन पटना पहुंच गया।
प्रियंका ने बताया, “मैं वर्ष 2013 में मुगलसराय के नजीरपुर में अपने नाना राधेश्याम शर्मा के साथ रहती थी, उसी दौरान पड़ोस में रहने वाले युवक राहुल से प्रेम करने लगी। अलग-अलग जाति के होने के कारण दोनों के परिवार विवाह के लिए राजी नहीं हुए।”
उसने बताया कि गर्भवती होने के बाद उसके नाना ने उसे अपने साथ अपने गांव कुर्जी लेकर चले आए। नाना चाहते थे कि प्रसव के बाद शिशु को किसी अनाथालय में दे दिया जाए, लेकिन वह इसके लिए वह तैयार नहीं थी। वह अपनी संतान को खुद से अलग करना नहीं चाहती।
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि जब प्रियंका की मां से बात की गई, तब उसने राहुल से इसके विवाह से इनकार कर दिया, लेकिन नानी-नानी को प्रियंका-राहुल के विवाह के लिए मना लिया गया। प्रसव के बाद एक मंदिर में दोनों की शादी कराई गई।
विवाह के बाद राहुल ने कहा कि भगवान की यही इच्छा थी। अब वह अपने बच्चे और पत्नी के साथ सुखमय जीवन बिताएगा। उसने वादा किया कि वह प्रियंका को हमेशा खुश रखने का प्रयास करेगा।
पटना के बिहटा के उदयपुर की रहने वाली प्रियंका के पिता बालेश्वर हरियाणा के एक कारखाना में काम करते हैं।
अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सिंह ने बताया कि बिन ब्याही मां प्रियंका को प्रेमी राहुल से शादी कराकर दोनों को घर भेज दिया गया है। पटना से विदा होते नवविाहित जोड़े ने सात जन्मों तक साथ निभाने की बात दोहराई।
इस अनोखे विवाह के मौके पर अस्पताल के चिकित्सक अमित कुमार, जिला पार्षद सदस्य ओमप्रकाश यादव सहित कई गण्यमान्य लोग भी मौजूद थे।