नई दिल्ली- केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा है कि नदी जोड़ो कार्यक्रम को मिशन मोड में लेने की जरूरत है। मंत्रालय के कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की दो टीमें ओडिशा और तेलंगाना सरकार से चर्चा करने के लिए भुवनेश्वर और हैदराबाद का दौरा करेंगी।
नदी जोड़ो योजना के तहत उन्होंने प्रत्येक नदी जोड़ के लिए अलग से विशिष्ट प्रयोजन दल के गठन की संभावनाओं का पता लगाने को कहा। इसके साथ ही मंत्री ने इन संभावनाओं का भी पता लगाने को कहा कि जिन राज्यों को इस कार्यक्रम के बारे में कुछ संशय है, उनके निराकरण के तत्काल उपाय निकाले जाएं।
मिशन गंगा के बारे में भारती ने यह घोषणा की कि मंत्रालय का रूड़की स्थित राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, गंगा संरक्षण कार्यक्रम को अमल में लाने के लिए समस्त जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य करेगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को समुचित लाभ पहुंचाने के लिए बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के पुनर्गठन की जरूरत है। बैठक में यह महसूस किया गया कि इस कार्यक्रम में बहुत खामियां है जिसकी वजह से लोगों तक इसका समुचित लाभ नहीं पहुंच रहा है।
जल संसाधनों के बारे में अंतर-राज्यीय विवादों के बारे में मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के स्तर पर इन्हें सुलझाने के लिए एक समिति के गठन की संभावनाओं का पता लगाया जाए।
मंत्रालय के डिजिटलाइजेशन पर बल देते हुए उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मंत्रालय के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों व योजनाओं के कार्यान्वयन संबंधी नवीनतम जानकारी मंत्रालय की बेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए। इससे मंत्रालयों के कार्यक्रमों व योजनाओं के बारे में पारदर्शिता बढ़ेगी एवं राज्यों को उनके द्वारा मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताओं की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।