संयुक्त राष्ट्र, 4 फरवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के समक्ष खड़ी नई चुनौतियों पर विचार करने के लिए सुरक्षा परिषद मंत्री स्तरीय खुला सत्र बुलाएगा। अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी इसने शुरू कर दी है। चीन के राजदूत लियु जीयी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र, 4 फरवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के समक्ष खड़ी नई चुनौतियों पर विचार करने के लिए सुरक्षा परिषद मंत्री स्तरीय खुला सत्र बुलाएगा। अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी इसने शुरू कर दी है। चीन के राजदूत लियु जीयी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
लियु ने मंगलवार को कहा कि 23 फरवरी को होने वाली बैठक की अध्यक्षता चीन के विदेश मंत्री वांग यी करेंगे और यह संयुक्त राष्ट्र की कार्यप्रणाली का जायजा लेने तथा चुनौतियों का सामना किस प्रकार करें, इसपर चर्चा के लिए एक मौका उपलब्ध कराएगी।
सितंबर में संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वर्षगांठ को मील के पत्थर की तरह देखा जा रहा है। संगठन की कार्यप्रणाली व संरचना में परिवर्तन लाया जा सकता है, जिसके साल 1945 में 51 सदस्यों से आज 193 सदस्य हो चुके हैं।
लियु ने कहा कि परिषद की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए चीन परिषद के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करेगा।
इस बीच, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव तथा वांग ने एक बैठक के बाद सोमवार को एक संयुक्त विज्ञप्ति में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व बढ़ाने सहित व्यापक सुधार की जरूरत को दोहराया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुधार के हिस्से के रूप में सुरक्षा परिषद में अपनी स्थायी सदस्यता पर जोर दिया है। परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से केवल चीन ही भारत की स्थायी सदस्यता के लिए खुलकर उसका समर्थन नहीं कर रहा।
संयुक्त विज्ञप्ति के मुताबिक, “चीन और रूस के विदेश मंत्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारत की महत्ता को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र में उसकी बड़ी भूमिका की इच्छा का समर्थन किया।”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का रूस मजबूत समर्थक है। बीजिंग द्वारा मॉस्को के साथ नई दिल्ली की अंतर्राष्ट्रीय भूमिका व उसकी इच्छा को समर्थन देने को भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अंतिम कोशिश माना जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में एक संवाददाता के इस सवाल पर कि क्या बैठक के दौरान परिषद में सुधार पर विचार किया जाएगा, उन्होंने कहा, “सुरक्षा परिषद सुधार वह नहीं है, जिसका इरादा खुले सत्र में किया जाएगा।”
हालांकि, उन्होंने मुद्दे को उठाने के लिए रास्ता खुला रखते हुए कहा कि सदस्य इस दौरान कोई भी मुद्दा उठा सकते हैं।
सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए लगातार तगड़ा अभियान चला रहे भारत द्वारा इस मंत्री स्तरीय खुले सत्र के दौरान मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है।