नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। लेखिका-उपन्यासकार अनुजा चौहान की चौथी किताब ‘द हाउस दैट बीजे बिल्ट’ बाजार में आ गई है। अनुजा थोड़ी बेचैन हैं, क्योंकि वह अपनी नई किताब को उस मां की तरह संभालती हैं, जिसका बच्चा अभी नवजात है। लेकिन वह खुश हैं कि उनकी किताब की बिक्री जोर पकड़ रही है।
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। लेखिका-उपन्यासकार अनुजा चौहान की चौथी किताब ‘द हाउस दैट बीजे बिल्ट’ बाजार में आ गई है। अनुजा थोड़ी बेचैन हैं, क्योंकि वह अपनी नई किताब को उस मां की तरह संभालती हैं, जिसका बच्चा अभी नवजात है। लेकिन वह खुश हैं कि उनकी किताब की बिक्री जोर पकड़ रही है।
‘द हाउस दैट बीजे बिल्ट’ दो साल पहले रिलीज हुई उनकी बेस्ट सेलर किताब ‘दोज प्राइसी ठाकुर गर्ल्स’ का सीक्वल है। अनुजा की रचनाओं में ‘जोया फैक्टर’ और ‘बेटल फॉर बित्तौरा’ भी शामिल हैं।
यह पूछे जाने पर कि कौन सी किताब आपके दिल के ज्यादा करीब है? अनुजा ने आईएएनएस को एक साक्षात्कार में बताया, “मैं मेरी नई किताब को लेकर एक नवजात की मां की तरह हिफाजती होने जैसा महसूस करती हूं।”
वह जब एक किताब लिखती हैं, तो उनके जहन में उसका सीक्वल लिखने का ख्याल नहीं आता।
अनुजा ने कहा, “मैं एक पारिवारिक कहानी लिखना चाहती थी, जो 1980 के दशक में शुरू होती है और जिसमें में एक घर, इसके सदस्य एवं संपत्ति विवाद के बारे में लिखूं। मैंने जब लिखना शुरू किया, तो यह करीब 800 पेज तक पहुंच गई। यह बहुत मोटी किताब बन जाती, इसलिए मैंने इसे छोटा करने और इसका दूसरा भाग लिखने का फैसला किया।”
यह किताब अनुजा की पहचान उनकी हाजिरजवाबी से दर्शकों का हर पल मनोरंजन करती है। फिर चाहे यह ‘हिंग्लिश’ बोलने वाली चाचीजी हों या धूर्त आंटीजी। अनुजा का अपने किरदारों पर पूरा नियंत्रण है।
अनुजा ने मुस्कुराते हुए कहा, “असल जिंदगी में शायद एक व्यक्ति इतना मजाकिया न हो पाए। आप जब एक किताब लिखते हैं, तो हमेशा बीते वक्त में जाते हैं और इसमें याद आया एक चुटकुला या लतीफा जोड़ देते हैं।”
अनुजा रोमांस-हास्य शैली की रचनाएं लिखने की महारथी मानी जाती हैं।
अनुजा और उनके समकालीन रचनाकारों जैसे चेतन भगत को अक्सर साहित्य में हिंग्लिश का धड़ल्ले से प्रयोग करने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोग मानते हैं कि यह चीज पाठकों को साहित्यिक गुणवत्ता से वंचित रखती है, लेकिन अनुजा ऐसी आलोचनाओं को नजरअंदाज कर देती हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने कभी प्रत्यक्ष तौर पर ऐसी आलोचना नहीं सुनी। मैंने इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया। हिंग्लिश मेरे विज्ञापन पृष्ठभूमि से होने का नतीजा है।”