Monday , 11 November 2024

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ध्यान से खुल जाते हैं आत्मा के सारे चक्र

morning-yoga-502101f081fe9_lउपदेशों और सिद्घांतों की इतनी भरमार है कि परमात्मा को अर्थात अपने जीवन के परम लक्ष्य को ढूंढना घास में से सुई खोजने के बराबर हो गया है। कुछ लोगों के लिए आध्यात्मिकता, माया से मुक्त होने का साधन है तो कुछ लोगों के लिए यह तप और भक्ति से भी अधिक उच्च स्तर का मार्ग है।

भले ही परमलक्ष्य तक पहुंचने के विभिन्न मार्ग क्यों न हों, लेकिन योग उनमें किसी प्रकार का भेद नहीं करता। एक योगी के लिए यह संपूर्ण सृष्टि किसी नाटक के समान है। चरित्रों और दृष्यों से प्रभावित हुए बिना इस नाटक का अनुभव करना ही परम उद्देश्य है।

ध्यान से खुल जाते हैं आत्मा के सारे चक्र Reviewed by on . उपदेशों और सिद्घांतों की इतनी भरमार है कि परमात्मा को अर्थात अपने जीवन के परम लक्ष्य को ढूंढना घास में से सुई खोजने के बराबर हो गया है। कुछ लोगों के लिए आध्यात् उपदेशों और सिद्घांतों की इतनी भरमार है कि परमात्मा को अर्थात अपने जीवन के परम लक्ष्य को ढूंढना घास में से सुई खोजने के बराबर हो गया है। कुछ लोगों के लिए आध्यात् Rating:
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