नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। करियर सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था शीरोज ने ‘ब्रेस्टफीडिंग रिपोर्ट-च्वाइसेस एंड स्पेसेस’ लांच करते हुए ‘धूम्रपान करने के लिए कमरा, लेकिन स्तनपान कराने के लिए कोई जगह नहीं’ मुद्दे को उठाया।
महिलाओं को करियर संबंधी सेवाएं देने वाले ऑनलाइन मंच शीरोज ने बुधवार को ‘हैशमेकिंगइटवर्क’ अभियान शुरू करते हुए ‘ब्रेस्टफीडिंग रिपोर्ट-च्वाइसेस एंड स्पेसेस’ को लांच किया।
इस रिपोर्ट को स्विट्जरलैंड की ब्रेस्टपंप प्रदाता कंपनी मेडेला और बच्चों के पालन-पोषण संबंधी जानकारी देने वाले एप बेबीगोगो के सहयोग से जारी किया गया। रिपोर्ट का उद्देश्य भारत में सार्वजनिक और कार्यस्थल पर महिलाओं द्वारा स्तनपान को लेकर उनके सुविधा स्तर को जानना था। इसके अलावा इस रिपोर्ट मेंमहिलाओं को स्तनपान से रोकने वाली समस्याओं पर भी प्रकाश डाला गया।
शीरोज की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी साइरी चहल ने कहा, ” कुछ महिलाएं स्तनपान को समस्या मानती हैं क्योंकि यह उनके दैनिक जीवन के कार्यो व गतिविधियों को प्रभावित करता है, लेकिन महिलाओं को इसे एक समस्या के रूप में नहीं बल्कि जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण मानना चाहिए। हमारी कोशिश महिलाओं के साथ ही पुरुषों को भी स्तनपान के प्रति जागरूक करने और इस महत्वपूर्ण विषय पर संवाद बढ़ाने की है।”
यह रिपोर्ट स्तनपान और अपने बच्चे को स्तनपान कराने वाली माताओं पर लोगों की प्रतिक्रियों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। इस सर्वेक्षण में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 3500 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। सर्वेक्षण में 66.7 प्रतिशत नई माताओं ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर अपने बच्चों को स्तनपान करने में असहजता व असुविधा होती है जबकि 49 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्हें कार्यस्थल पर स्तनपान कराते समय असहज महसूस होती है। इस सर्वेक्षण में अधिकांश महिलाएं भारत व कुछ संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर की थीं। सर्वेक्षण के दौरान शामिल होने वाली महिलाओं में कुछ गृहणियों सहित अधिकांश कॉरपोरेट सेक्टर में कार्यरत थीं।
मेडेला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की जनरल मैनेजर एमिली बोलर्ड ने कहा, “नई माता के लिए स्तनपान सबसे स्वाभाविक बात होने के बावजूद उन्हें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, विशेष रूप से जब वह काम के लिए बाहर जाती हैं। सार्वजनिक स्थलों में असहज वातावरण से लेकर कार्यस्थल पर अपर्याप्त सुविधाओं संबंधी ऐसे बहुत सारे काम हैं, जिन्हें महिलाओं को उनकी मातृत्व यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए करना बाकी है। मैं कहना चाहूंगी कि यह वही क्षेत्र है जहां मेडेला और शीरोज की भागीदारी महिलाओं और कंपनियों दोनों को सफलतापूर्वक अपना दायित्व निभाने के लिए सशक्तिकरण और शिक्षा देगा।”