न्यूयॉर्क, 3 फरवरी (आईएएनएस)। उच्च तापमान पर बना खाना पकाने से अल्जाइमर बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है। एक दिलचस्प शोध में यह बात सामने आई है।
जब उच्च तापमान पर खाना पकाया जाता है या उच्च तापमान पर बने खाने को लंबे समय तक रखा जाता है तो इसमें ग्लाइसेशन जनित उन्नत उत्पादों की संख्या बढ़ जाती है। ग्लाइसेशन वह प्रक्रिया है, जिसमें प्रोटीन और वसा के अणु चीनी के अणुओं से समांगी रूप से जुड़ जाते हैं।
एजीई विभिन्न प्रक्रियाओं के जरिए स्थाई बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।
शोध के मुताबिक, आरएजेई रक्त मस्तिष्क अवरोधक तक बीटा-एमेलॉयड प्रोटीन का संचरण करता है, जिससे अल्जाइमर बीमारी का खतरा होता है।
न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई स्थित द आइकन स्कूल ऑफ मेडिसीन के जेम उरिबारी और वेजिंग कई ने कहा, “हमने शोध में पाया है कि चूहे को दिया जाने वाला आहार एजीई तत्वों से भरा हुआ था, जो वास्तव में पश्चिमी खाने के समान है। इस वजह से चूहों में बीटा-एनेलॉयड प्रोटीन के साथ एजीई का उच्च स्तर था, जिससे अल्जाइमर बीमारी होती है।”
शोध के लिए शोधकर्त्ताओं ने न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडिसीन में एजीई से युक्त विभिन्न तरह के आहार की जांच की।
उन्होंने विभिन्न तरीकों से 549 तरह का खाना पकाया और पके हुए खाने में एजीई की मात्रा को मापा।
शोधकर्त्ताओं ने पाया कि अधिक तापमान पर पके खाने में एजीई की मात्रा अधिक थी।
शोध में यह भी पता चला कि मांस में एजीई की सबसे अधिक मात्रा होती है। इसके बाद वनस्पति तेल, पनीर और मछली में एजीई प्रचुर मात्रा में होता है।
यह शोध अल्जाइमर बीमारी की पत्रिका में प्रकाशित किया गया।