Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रपट की भारत ने आलोचना की | dharmpath.com

Friday , 29 November 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रपट की भारत ने आलोचना की

धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रपट की भारत ने आलोचना की

नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। भारत ने अमेरिका सरकार के एक आयोग की उस रपट की आलोचना की है, जिसमें देश में 2014 के आम चुनाव और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच संबंध होने की बात कही गई है।

रपट के मुताबिक, 2014 के आम चुनाव के बाद से ही भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं द्वारा अपमानजनक टिप्पणियां की जा रही हैं। इसके साथ ही आरएसएस और वीएचपी जैसे हिंदू राष्ट्रवादी समूहों द्वारा अल्पसंख्यकों पर हिंसक हमले और उनका जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “यूएससीआईआरएफ की रपट ने हमारा ध्यान खींचा, जिसे भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर पारित किया गया था। यह रपट भारत, भारतीय संविधान और भारतीय समाज की सीमित समझ पर आधारित है।”

उन्होंने कहा, “हम इस रपट पर कोई संज्ञान नहीं लेते।”

अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने अपनी 2015 की वार्षिक रपट 30 अप्रैल को जारी की।

आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, “यूएससीआईआरएफ एक स्वतंत्र, द्विदलीय अमेरिकी संघीय सरकार का एक आयोग है, जो विश्व में अपनी तरह का पहला आयोग है। यह धर्म की स्वतंत्रता के सार्वभौमिक अधिकार का रक्षक है।”

वेबसाइट के मुताबिक, “यूएससीआईआरएफ धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघनों के तथ्यों और स्थितियों की समीक्षा करता है और राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस के सुझावों पर नीतियों का निर्माण करता है। यूएससीआईएरएफ के आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति और दोनों राजनीतिक दलों के काग्रेसनल नेतृत्व द्वारा की जाती है।”

इस वार्षिक रपट के पांच पृष्ठों में भारत पर चर्चा की गई है। इसमें भारत को 10 अन्य देशों के साथ दूसरी श्रेणी के देशों में रखा गया है, जिसका अभिप्राय है कि ऐसे देश, जिनकी सरकारें व्यवस्थागत, मौजूदा, और प्रबल मानकों के कम से कम किसी एक तत्व को या तो नजरअंदाज करते हैं या उससे जुड़े हुए हैं, लेकिन वे सीपीसी के मानक पर पूर्णत: खरा नहीं उतरते।

सीपीसी से अभिप्राय है विशेष चिंता वाले देश हैं। यानी ऐसे देश जहां धार्मिक स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन होता है और उसे बर्दाश्त किया जाता है। इन देशों में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मिस्र, इराक, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सीरिया, तजाकिस्तान, और वियतनाम शामिल हैं।

दूसरी श्रेणी के देशों में अफगानिस्तान, अजरबैजान, क्यूबा, भारत, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, लाओस, मलेशिया, रूस और तुर्की हैं।

इस रपट में जिन अन्य देशों को जांचा-परखा गया है, उनमें बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, साइप्रस, किर्गिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।

इस रपट में हिंदू राष्ट्रवादी समूहों और जबरन धर्मातरण के लिए भी एक खंड है। इसमें पिछले साल क्रिसमस दिवस पर आरएसएस नेता मोहन भागवत द्वारा प्रस्तावित घर वापसी का भी उल्लेख किया गया है।

धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रपट की भारत ने आलोचना की Reviewed by on . नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। भारत ने अमेरिका सरकार के एक आयोग की उस रपट की आलोचना की है, जिसमें देश में 2014 के आम चुनाव और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच सं नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। भारत ने अमेरिका सरकार के एक आयोग की उस रपट की आलोचना की है, जिसमें देश में 2014 के आम चुनाव और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के बीच सं Rating:
scroll to top