आज पूरी दुनिया में धरती-माँ दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन मनाने का निर्णय बोलीविया की पहल 22 अप्रैल, 2009 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा लिया गया था।तब पचास से अधिक देशों द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि हमारी धरती-माँ (पृथ्वी) और उसका पूरा वायुमंडल हम सभी का एक साझा घर है और हमारे ग्रह पर प्रकृति व मनुष्य के बीच सामंजस्य तथा सद्भाव को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिएं।
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय धरती-माँ दिवस का आदर्श वाक्य है- “हरे-भरे नगर”। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, अगले 20 सालों में दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी शहरों में रहने लगेगी। इसलिए नगरों को हरे-भरे, स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की ज़रूरत है।