जापान के कई नेता द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान की भूमिका और बर्बरता के लिए ग्लानि प्रकट करते हुए माफी मांग चुके हैं। 22 अप्रैल, 2005 को एशियाई-अफ्रीकी सम्मेलन में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोईजुमी ने जापानी बर्बरता को स्वीकार करते हुए कहा था कि जापान ने अतीत में काफी क्षति पहुंचाई है, जिससे कई देशों के लोगों को पीड़ा हुई है।
इससे पहले 15 अगस्त, 1995 को द्वितीय विश्व युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर जापान के प्रधानमंत्री तोमीची मुरायामा ने भी एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए जापान के अत्याचारों के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि गलत राष्ट्रीय नीति का अनुसरण कर जापान युद्ध के मार्ग पर बढ़ गया। इससे विशेष रूप से एशियाई देशों सहित कई देशों के लोगों को भारी क्षति पहुंची।