भोपाल, 11 फरवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल तो कर लिया, लेकिन अब इस शहर के सिर्फ दो मोहल्लों- शिवाजी नगर और तुलसी नगर को स्मार्ट सिटी में बदलने की बात कही जा रही है, इसलिए विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं।
विभिन्न वर्गो से जुड़े लोगों और तमाम संगठनों से जुड़े लोगों की मांग है कि पूरे भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाया जाए।
इस मांग को लेकर ‘लोक सेवा मंच’ द्वारा राजधानी के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों की बैठक बुलाई गई। मंच की ओर से जारी बयान में बताया गया कि बैठक में पूरे भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
ज्ञात हो कि स्मार्ट सिटी बनने जा रहे भोपाल के शिवाजी नगर और तुलसी नगर वे इलाके हैं, जहां सबसे बड़ी आबादी सरकारी कर्मचारियों की है। ये रिहायशी इलाके पहले से ही व्यवस्थित तरीके से बसे हुए हैं।
बैठक में वार्ड क्रमांक 31 के पार्षद अमित शर्मा और वार्ड 46 के पार्षद गुड्डू चौहान ने भी अपना-अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से उनके वार्ड को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल बताया गया है।
दोनों पार्षदों ने कहा, “स्मार्ट सिटी बनाने के प्रस्तावित प्रारूप को न तो जोन से सहमति मिली है और न ही हमारी वार्ड की जनता से सहमति ली गई है। इस तरह भोपाल को स्मार्ट सिटी नहीं, स्मार्ट मोहल्ला बनाने की कोशिश है।”
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाए जाने के लिए इस क्षेत्र के 40 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे और लगभग 5,500 हजार मकान तोड़े जाएंगे। इससे भोपाल जिले का संतुलन बिगड़ जाएगा।
बैठक में जनता दल-युनाइटेड (जद-यू) के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद यादव ने स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के मुताबिक, नगर पालिका व नगर निगम को अपने कानून और नीतियां बनाने का अधिकार है।
संविधान की इस मूल भावना को दरकिनार कर स्मार्ट सिटी बनाना उचित नहीं है, वास्तव में यह शहरों के निजीकरण की योजना है।
लोक सेवा मंच के उपाध्यक्ष एवं मिडिया प्रभारी फादर आनंद मुंटूगल ने बताया कि लोक सेवा मंच पूरे भोपाल को स्मार्ट सिटी बनाने कि मांग को लेकर नुक्कड़ सभा, हस्ताक्षर अभियान और जरूरत पड़ने पर कानून की मदद भी लेगा।
लोक सेवा मंच के अध्यक्ष एल.एस. हरदेनिया ने कहा कि लोगों को जिस दिन अच्छी सड़क, शुद्ध पानी, अस्पताल, शिक्षा आदि बुनियादी सेवाएं मिलना शुरू हो जाएंगी, तब भोपाल स्मार्ट सिटी बनने की पहली सीढ़ी चढ़ेगा।
लोक सेवा मंच के कार्यकारी अध्यक्ष कैप्टन वी.पी. सिंह और महासचिव महेंद्र शर्मा ने कहा कि भोपाल जिले को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चुना गया है। यह बहुत अच्छा मौका है और यह भोपाल के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा, लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर हजारों पेड़ काटना, हजारों मकान गिराकर उस जमीन पर नए मकान खड़े करना जैसे काम शहर को विकास की ओर नहीं, विनाश की ओर ले जाएंगे।
बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों में गोविंद यादव, शैलेंद्र शैली, शाहिद अली व अजय हुका के अलावा मध्यप्रदेश राज्य वन अधिकारी एवं कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक जयदीप सिंह चौहान सहित कई सामाजिक एवं कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।