पोर्ट लुईस, 12 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत दोहरी कराधान निवारण समझौते के दुरुपयोग के लिए मॉरीशस के साथ मिलकर काम करेगा।
मॉरीशस की संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ को बताया है कि भारत मॉरीशस की अर्थव्यवस्था के लिए तटीय क्षेत्र के महत्व को समझता है।
उन्होंने कहा, हम भारत पर इसकी निर्भरता को लेकर सचेत हैं। हम दोहरे कराधान निवारण के दुरुपयोग से बचने के लिए हमारे साझा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मिल कर काम करेंगे। मैं आपके सहयोग के लिए धन्यावाद करता हूं।
मोदी ने सांसदों की तालियों की गड़गड़ाहट के बाद कहा, लेकिन मैं यह भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपने नजदीकी रणनीति साझेदारों के इस जीवंत क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी नहीं करेंगे।
पिछले काफी समय से भारत-मॉरीशस कर संधि में संशोधन पर चर्चा अधर में लटकी हुई है। भारत को संदेह है कि इस संधि का दुरुपयोग बेहिसाबी धन और कर से बचने के लिए किया जा रहा है।
पिछले कुछ समय से दोनों देश दोहरी कराधान संधि में संशोधन पर चर्चा कर रहे हैं। मॉरीशस हमेशा इस बात पर प्रतिबद्ध रहा है कि इस तरह के किसी भी दुरुपयोग के कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले हैं। कर संधि से जुड़ी अनिश्चितताओं का दोनों देशों के बीच निवेश पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
मोदी ने यह भी कहा कि भारत और मॉरीशस दोनों आर्थिक विकास के साझेदार हैं। उन्होंने कहा, “हिंद महासागर में सुरक्षा के लिए हमें अपनी साझा जिम्मेदारियां उठानी चाहिए। मैं हिंद महासागरीय देशों में मॉरीशस को एक अग्रणी देश और अफ्रीका से भारत के जुड़ाव के रूप में देखता हूं।”
मोदी मॉरीशस संसद को संबोधित करने वाले पांचवें प्रधानमंत्री लेकिन मॉरीश के स्वतंत्रता दिवस के दिन वहां की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री है। यह सुयोग ही है कि इसी दिन 1930 में महात्मा गांधी ने अपनी दांडी यात्रा का शुभारंभ किया था।
उन्होंने कहा कि पिछले साल दोनों देशों में लोकतांत्रिक बदलावों से दोनों देशों में स्थायी सरकारें अस्तित्व में आई हैं, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मोदी के मुताबिक, “हम दोनों देशों के लोगों के बीच सुरक्षा, आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक संबंधों में व्यापक साझेदारी चाहते हैं। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराने में मॉरीशस के सशक्त सहयोग के लिए भी धन्यवाद दिया।”
मोदी ने कहा, “आपकी मित्रता पाकर हम धन्य हो गए हैं। मैं हमेशा यही कहता हूं कि यदि कोई एक देश हमारे साथ होने का पूरी तरह से दावा करता है तो वह मॉरीशस है। यह संबंध हमारे दिलों और भावनाओं के मिलने का है। इसलिए इसे कभी सीमाओं में नहीं बांधा जा सकेगा। भारत इस संबंध को बढ़ाने के भरसक प्रयत्न करेगा।”