नई दिल्ली, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। देश में पंजीकृत प्रकाशनों ने पिछले साल की तुलना में इस साल समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन में 5.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। हिंदी अखबारों की प्रसार संख्या 25 करोड़ पार कर गई है, जबकि अंग्रेजी अखबारों की प्रसार संख्या छह करोड़ है। रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स फॉर इंडिया (आरएनआई) द्वारा मंगलवार को जारी नवीनतम आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
बंगाली समाचार पत्र, आनंद बाजार पत्रिका देश का सर्वाधिक प्रसार वाला अखबार बन गया है।
आरएनआई की रपट जारी करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मीडिया का अधिकाधिक विस्तार हुआ है और एक ही समाचार के लिए कई कोण हो सकते हैं।
जेटली ने कहा, “समाचार और विचार के बीच की विभाजक रेखा बेहद पतली हो गई है। प्रिंट मीडिया के लिए यह वापस लौटने का समय है।”
मंत्री ने कहा कि समाचार पत्रों के प्रसार में 5.80 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
प्रेस के मुताबिक, आरएनआई की सालाना 59वीं रपट (2014-15) के अनुसार, कुल 1,05,443 पत्र-पत्रिकाएं पंजीकृत हैं। साल 2014-15 के दौरान 5,817 नई पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण किया गया।
रपट के मुताबिक, सर्वाधिक प्रसार वाला समाचार पत्र आनंद बाजार पत्रिका, बंगाली (कोलकाता संस्करण) की 11,78,779 प्रतियां रोजाना बिकती हैं। वही द हिंदुस्तान टाइम्स, अंग्रेजी (दिल्ली संस्करण) की 10,18367 प्रतियां व द टाइम्स ऑफ इंडिया (दिल्ली संस्करण) की 9,72,180 प्रतियां रोजाना बिकती हैं।
द टाइम्स ऑफ इंडिया, अंग्रेजी (33 संस्करण) रोजाना 46,30,220 प्रतियों के प्रकाशन के साथ ही देश का सबसे बड़ा बहु-संस्करण वाला अखबार बन गया है, जिसके बाद 36,94,385 प्रतियों के साथ दैनिक भास्कर, हिंदी (34 संस्करण) है।
प्रेस रजिस्ट्रार व आरएनआई के प्रमुख एस.एम.खान ने कहा कि सालाना रपट प्रकाशकों द्वारा प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स अधिनियम, 1867 के तहत आॉनलाइन सालाना बयान के आधार पर तैयार किया गया है।
सबसे अधिक प्रकाशन संख्या के अनुसार शीर्ष तीन राज्य उत्तर प्रदेश (16130), महाराष्ट्र (14394) व दिल्ली (12,177) हैं।
भाषा के आधार पर बात करें, तो हिंदी में सर्वाधिक (42,493) पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं, जिसके बाद अंग्रेजी (13,661) व मराठी (7,818) हैं।
कुल दैनिक, द्विसाप्ताहिक व त्रिसाप्ताहिक पत्र-पत्रिकाओं के रोजाना प्रकाशन की कुल संख्या 51,05,21,445 है।
हिंदी प्रकाशनों का दावा है कि वे रोजाना 25,77,61,985, प्रतियां, जबकि अंग्रेजी प्रकाशनों का दावा 6,26,62,670 प्रतियों का है।
इसके बाद उर्दू की रोजना 4,12,73,949 प्रतियां, तेलुगू की 2,72,01,064, मराठी की 2,39,25,462 तथा गुजराती की 2,37,42,849 प्रतियां रोजाना प्रकाशित होती हैं।