नई दिल्ली, 30 सितम्बर (धर्मपथ)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों में पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि हमारे सैनिक देश की शांति और प्रगति को नष्ट करने का प्रयास करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि भारत शांति में पूरा विश्वास करता है, लेकिन अपनी संप्रभुता और सम्मान के साथ किसी कीमत पर समझौता नहीं करेगा।
मोदी ने यह टिप्पणी सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ ‘पराक्रम पर्व’ मनाए जाने के एक दिन बाद अपने 48वें रेडियो मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में की।
‘आतंकवाद की आड़ में छद्म युद्ध का दुस्साहस करने के जवाब’ के रूप में सर्जिकल स्ट्राइक को याद करते हुए मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, “अब यह निर्णय लिया गया है कि हमारे सैनिक उन सभी को मुंहतोड़ जवाब देंगे, जो हमारे देश की शांति और प्रगति को नष्ट करने की कोशिश करेंगे।”
उन्होंने कहा, “हम पूरी तरह से शांति में विश्वास करते हैं। हम इसे आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हमारे आत्मसम्मान और संप्रभुता के साथ समझौता करने की कीमत पर नहीं।”
मोदी की यह टिप्पणी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान द्वारा भारतीय धरती पर आतंकवाद को निरंतर समर्थन देने की निंदा करने और द्विपक्षीय वार्ता प्रक्रिया को खत्म करने के लिए उसे (पाकिस्तान) जिम्मेदार ठहराए जाने के एक दिन बाद आई है।
21 सितम्बर को भारत ने न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के साथ विदेश मंत्री स्तर की प्रस्तावित वार्ता रद्द कर दी थी और जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों की हत्या के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
मोदी ने कहा, “भारत हमेशा से शांति के लिए प्रतिबद्ध रहा है। हमारे एक लाख से अधिक सैनिकों ने 20वीं सदी में लड़े गए दो विश्वयुद्धों में शांति के लिए अपना जीवन बलिदान किया है, वह भी एक ऐसे युद्ध में, जिसमें हम किसी तरह से शामिल नहीं थे।”
उन्होंने कहा, “हमने किसी और की जमीन को दुर्भावना की दृष्टि से कभी नहीं देखा है। यह शांति के प्रति हमारी खुद की वचनबद्धता और समर्पण का सबूत है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी, भारत संयुक्त राष्ट्र के लिए शांति सैनिकों को भेजने के मामले में सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। दशकों से, हमारे बहादुर सैनिकों ने नीला हेलमेट पहने हुए विश्व शांति को बनाए रखना सुनिश्चत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक हमेशा हमारे युवाओं को हमारी सशस्त्र बलों की गौरवशाली विरासत और बहादुरी के बारे में याद दिलाएगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना को सबसे शक्तिशाली और सबसे साहसी वायु सेनाओं में से एक कहा और युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान दोनों परिस्थितियों में इसके योगदानों की सराहना की।
1947-48, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों के दौरान इसकी भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “चाहे राहत व बचाव कार्य हो या आपदा प्रबंधन हो, हमारा देश सराहनीय प्रयासों के लिए हमारी वायुसेना के योद्धाओं का ऋणी है।”
मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन वैश्विक स्तर पर सफलता की कहानी बन गया है।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि कैसे लोगों का एक छोटा सा कदम सबसे वंचित लोगों के जीवन में परिवर्तन ृला सकता है, प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के दर्शन और मंत्रों को अपनाने का आह्वान किया और लोगों से विशेष अवसरों पर खादी और हैंडलूम उत्पादों को खरीदने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, “लोग जो चीज खरीदते हैं, उससे हमारे देशवासियों को लाभ होना चाहिए..यह गांधीजी का मंत्र है, यह गांधीजी का संदेश है। मैं पूरी तरह से मानता हूं कि आपका एक छोटा कदम निश्चित रूप से सबसे गरीब और सबसे वंचित व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा लाभ ला सकता है।”
मोदी ने कहा, “गांधीजी के मंत्र आज भी बहुत प्रासंगिक हैं।”
उन्होंने लोगों से 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती पर ‘रन फॉर यूनिटी’ में भाग लेने के लिए आग्रह किया।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उनका सौम्य व्यक्तित्व हमेशा हर भारतीय को गर्व की भावना से भरता है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की भी सराहना की।
उन्होंने कहा, “शोषित, पीड़ित और वंचित लोगों की स्वतंत्रता और शांति के लिए यह आवश्यक है और उनके लिए न्याय सुनिश्चित किया जाए। एनएचआरसी ने न केवल मानव अधिकारों की रक्षा की है बल्कि सालों से मानव गरिमा के प्रति सम्मान को भी बढ़ावा देता आ रहा है।”
मोदी ने कहा कि 12 अक्टूबर 1993 को गठित एनएचआरसी ने भारतीयों के बीच आशा और आत्मविश्वास को बढ़ाया है।