नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। देश की उपभोक्ता महंगाई दर जुलाई में घटकर 3.78 फीसदी दर्ज की गई और जून महीने में औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी बढ़ा है। यह जानकारी बुधवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े से मिली।
जून महीने में उपभोक्ता महंगाई दर 5.40 फीसदी थी, जबकि मई महीने की औद्योगिक उत्पादन विकास दर 2.7 फीसदी थी।
औद्योगिक उत्पादन के मामले में जून में विनिर्माण विकास दर 4.6 फीसदी और बिजली उत्पादन विकास दर 1.3 फीसदी रही। खनन क्षेत्र में हालांकि 0.3 फीसदी गिरावट रही।
उपभोक्ता महंगाई के मामले में यह आश्चर्यजनक है कि प्याज और दालों के महंगा होने के बाद भी खाद्य महंगाई घटकर 2.15 फीसदी रही, जो जून में 5.48 फीसदी थी।
दलहन इस बीच 22.88 फीसदी महंगा हो गया, मसाले और मांस 7.02 फीसदी महंगा हो गए। सब्जियां इस बीच हालांकि 7.93 फीसदी सस्ती हो गईं।
दूध और दूध आधारित उत्पादों की कीमत 6.12 फीसदी बढ़ी और अंडा 2.80 फीसदी महंगा हुआ।
चीनी और चॉकलेट 12.30 फीसदी सस्ता हो गए।
ईंधन और प्रकाश उत्पादों का मूल्य इस दौरान 5.36 फीसदी बढ़ा।
जुलाई में ग्राम्य क्षेत्रों में उपभोक्ता दर 4.44 फीसदी रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह दर 2.94 फीसदी रही। जून में यह दर क्रमश: 6.07 फीसदी और 4.55 फीसदी थी।
औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर अप्रल-जून अवधि में 3.2 फीसदी बढ़ी।
आंकड़ों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की अध्यक्ष ज्योत्स्ना सूरी ने कहा, “विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के संकेत स्पष्ट हैं। उम्मीद है कि यह स्थिति आगे भी बनी रहेगी।”
सूरी ने हालांकि कहा कि निवेश में तेजी आने में समय लगेगा और सरकार को इस बीच अवसंरचना परियोजनाओं में तेजी लाने और व्यापार का माहौल सरल बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
पूंजीगत क्षेत्र में संकुचन दर्ज किए जाने के बारे में भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “इससे पता चलता है कि नया निवेश अब भी नहीं आ रहा है। इसमें और समय लगेगा। खनन और बिजली क्षेत्र में धीमा विकास भी चिंता की बात है।”