दावोस, 22 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि देश की वास्तविक आर्थिक विकास क्षमता 9 फीसदी से अधिक रही है। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि भारत की आर्थिक विकास दर अगले साल बेहद बेहतर रहेगी।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) से इतर उन्होंने कहा, “अगले कुछ सालों में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए हमने रोडमैप तैयार किया है। भारत में सब्सिडी खत्म करना अवांछनीय है। हमें सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि सरकार को जनादेश तेजी से काम करने व सुधारों को तीव्र करने के लिए ही मिला है।
जेटली ने इस बात को स्वीकार किया कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के कारण देश में महंगाई पर नियंत्रण करना आसान हुआ है।
उन्होंने कहा, “हमने महंगाई को स्वीकार्य स्तर तक ला दिया। तेल की कीमतों में कमी आने से भी महंगाई कम करने में मदद मिली। तेल की कीमतों में कमी से सब्सिडी कम करने व चालू खाता घाटा को कम करने में मदद मिली।”
मंत्री ने आशा जताई कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के अगले सत्र में पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा, “यदि बीमा विधेयक को मंजूरी नहीं मिली या छह महीने से ज्यादा की देर हुई, तो सरकार संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाएगी।”
उन्होंने कहा कि खर्च पर नियंत्रण के तौर पर सरकार केरोसिन पर दी जाने वाली सब्सिडी में सुधार की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, “पूंजीगत व्यय को इस साल कम कर उसे 4.1 फीसदी, जबकि अगले साल तीन फीसदी तक लाने का हमने लक्ष्य निर्धारित किया है।”
वित्त मंत्री ने कहा की डीजल की कीमतें अब बाजार से नियंत्रित हो रही हैं और भारत के 15 करोड़ परिवार रसोई गैस पर सब्सिडी का लाभ अपने बैंक खातों में पाएंगे।
जेटली ने कहा, “रसोई गैस सब्सिडी में सुधार के लिए हमारा अगला कदम लक्षित लाभार्थियों को अलग करना है, ताकि वे सब्सिडी का सीधा फायदा उठा सकें।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।