कोलकाता, 4 मार्च (आईएएनएस)। कोलकाता के चार दशकों के इतिहास और उसके विस्तार की कहानी को संरक्षित रखने के उद्देश्य से शहर के नगर निकाय अधिकारियों ने एक समग्र संग्रहालय शुरू किया है। इस संग्रहालय में दुर्लभ तस्वीरें, लिखित और डिजिटल अभिलेख समाहित होगा। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी।
भारत के सबसे पहले नगरपालिका संग्रहालय कहे जाने वाले ‘अमल होम डिजिटल आर्काइव’ को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने विकसित किया है।
केएमसी की मासिक पत्रिका ‘पुरोश्री’ के संपादक अरुण रॉय दो करोड़ की लागत से नगर निकाय के अभिलेखों को डिजिलीकृत करने की इस योजना के प्रभारी हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक स्रोत नगर निकाय द्वारा 1924 से प्रकाशित होने वाले कलकत्ता नगरपालिका गजट में महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और रविंद्रनाथ टैगोर सरीखे लोगों के पत्रों और भाषणों के जरिए भारत के स्वतंत्रता संग्राम में झांकने की पेशकश की गई है।
रॉय ने आईएएनएस से कहा, “इसका नाम अमल होम दिया गया है और यह गजट के संस्थापक संपादक को एक श्रद्धांजलि है। अभिलेख 17वीं सदी के हैं और शताब्दियों के दौरान समाज का इतिहास, अर्थशास्त्र, ब्रिटिश शासन, स्वतंत्रता संग्राम और अन्य मुद्दों को शामिल किया गया है।”
इस संग्रहालय के सर्वाधिक आकर्षक अभिलेखों में वह मूल विक्रय पत्र भी शामिल है, जिससे यह पता चलता है कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने तीन गांवों सुतानुती, गोबिंदपुर और कोलिकाता को खरीदने के लिए कितना भुगतान किया था। उल्लेखनीय है कि इन तीनों गांवों पर ही आज का कोलकाता खड़ा है।
इस संग्रहालय में अनुसंधानकर्ताओं, प्रकाशकों और नागरिकों का भी योगदान है जिन्होंने इसके आकार लेने में मदद की।