लखनऊ, 26 अप्रैल – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि दूसरे प्रदेशों से लौटे 15 लाख श्रामिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि दूसरे राज्यों से लौटे 15 लाख श्रमिकों को सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार देगी। यह अपने प्रदेश के वे लोग हैं जो दूसरे प्रदेशों में काम करते थे, पर कोरोना के बाद हुए लॉकडाउन के कारण लौट आए हैं या आने वाले हैं। सरकार इस बावत कार्ययोजना बना रही है। पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार को निर्देशित किया गया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से मनरेगा और गांव के विकास के कार्यो को आगे बढ़ाएं।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में लेवल 1, लेवल 2 और लेवल 3 के अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही इनको लगातार अपग्रेड किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए करीब 10 हजार श्रमिक पूर्वाचल, गोरखपुर लिंक और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगे हैं। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 30 लाख क्विंटल गेहूं खरीद चुकी है। 60 से 70 प्रतिशत खरीद किसानों के घर से हुई है। उप्र ऐसा करने वाला पहला राज्य है। कोरोना के अभूतपूर्व संकट के बावजूद फसलों की कटाई में कोई दिक्कत नहीं आई। सरकार लगातार जरूरतमंदों की मदद में लगी है। अब तक 27 लाख 78 हजार श्रमिकों और निराश्रित व्यक्तियों में कुल 280 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
अवस्थी के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि किसी भी उद्योग के चलने में अगर संक्रमण फैलने का खतरा हो, तो उसके संचालन की अनुमति न दी जाए। साथ ही एमएसएमई के संचालन को बढ़ावा देने पर जोर दिया, क्योंकि इनके माध्यम से इंफेक्शन बढ़ने की संभावना नहीं है। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव, एमएसएमई को पीपीई किट्स की आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
संत कबीरनगर में कोरोना से संक्रमित एक व्यक्ति का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने बस्ती के कमिश्नर, पुलिस महानिरीक्षक और स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए हैं।