नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। सरकार ने मंगलवार को स्वीकार किया कि दूध में मिलावट एक बड़ी समस्या है और इससे निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री सी. आर. चौधरी ने लोकसभा में कहा, “दूध में मिलावट एक समस्या है और हम इससे निपटने की कोशिश कर रहे हैं।”
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में पहले ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में संशोधन का प्रस्ताव किया है। पासवान ने कहा, “नए विधेयक में इस मुद्दे पर ध्यान दिया गया है।”
उन्होंने यह बात कांग्रेस सांसद शशि थरूर के इस आरोप के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2011 में पाया गया कि “भारत में उत्पादित 60 फीसदी से ज्यादा दूध मिलावटी है, जिसमें से आठ फीसदी में तो डिटर्जेट की मिलावट की जाती है।”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा यूरिया, स्टार्च और फोर्मलिन की मिलावट की जाती है, जो हमारे दूध में जाता है। उसी दूध को हमारे बच्चे पीते हैं, गर्भवती महिलाएं पीती हैं और बुर्जुग लोग पीते हैं। यह राष्ट्रीय चिंता का विषय है।”
थरूर ने आगे कहा कि खाद्य मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थाई समिति ने इस संबंध में रपट दिया था, “लेकिन इस पर मंत्रालय ने कोई कार्रवाई नहीं की।”
एक पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री चौधरी ने कहा कि करीब 2.16 करोड़ फर्जी राशन कार्ड की पहचान की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि करीब 60 फीसदी राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है।
अपने लिखित जवाब में पासवान ने कहा कि राज्यों को एक उपभोक्ता कल्याण कोष (सीडब्ल्यूएफ) के लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, ताकि उपभोक्ता जागरूकता गतिविधियां चलाई जाएं।