कोच्चि, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे पुराने विमान वाहक पोत और ब्रिटेन निर्मित भारतीय नौसेना के अंतिम पोत ने रविवार को अपनी अंतिम यात्रा शुरू की और उसे मुंबई ले जाया जा रहा है, जहां उसे सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
कोच्चि, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुनिया का सबसे पुराने विमान वाहक पोत और ब्रिटेन निर्मित भारतीय नौसेना के अंतिम पोत ने रविवार को अपनी अंतिम यात्रा शुरू की और उसे मुंबई ले जाया जा रहा है, जहां उसे सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
नौसेना में पांच दशकों की शानदार सेवा के बाद इस पोत को कोच्चि में रविवार को शानदार विदाई दी गई। इसे तीन रस्सों के सहारे खींचकर मुंबई ले जाया जा रहा है, और इसे सेवामुक्त किया जाएगा।
नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, “आईएनएस विराट का कोच्चि और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के साथ एक विशेष भावनात्मक जुड़ाव है, क्योंकि जब भी इसमें मरम्मत की जरूरत हुई, हर बार उसे यहीं पर दुरुस्त किया गया।”
भारतीय नौसेना में 1987 में शामिल किए गया आईएनएस विराट सेंटौर श्रेणी का विमान वाहक पोत है, जो आईएनएस विक्रमादित्य के 2013 में नौसेना में शामिल किए जाने से पहले भारत का ध्वजवाहक था।
विराट को 1959 में निर्मित कर रॉयल नेवी के एचएमएस हर्मेस के रूप में सेवा में शामिल किया गया था और 1987 में इसे भारत स्थानांतरित कर दिया गया था।
कुल मिलाकर यह पोत 55 वर्षो तक सेवा में रहा है, जिसमें रॉयल नेवी में 27 साल की सेवा शामिल है।
इसे सेवामुक्त किए जाने के बाद आंध्र प्रदेश सरकार को सौंपा जाना है, और इसे एक संग्रहालय में तब्दील किया जा सकता है।