नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)। दिल्ली में सोमवार को गरमी और लू का प्रकोप चरम पर रहा। तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। यह राष्ट्रीय राजधानी के इतिहास में सबसे ज्यादा है।
राजस्थान और पाकिस्तान से आ रही शुष्क हवाओं के कारण दिल्ली में तापमान पिछले 47.8 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम स्तर को पार कर गया, जो 9 जून 2014 को दर्ज किया गया था।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की पालम वेधशाला ने अपरान्ह तीन बजे के बाद 48 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया।
अधिकारी ने कहा, “दिल्ली के इतिहास में आज (सोमवार) सबसे ज्यादा गर्म दिन रहा।”
हालांकि, सफदरजंग में आईएमडी की वेधशाला ने अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया।
निजी मौसम पूर्वानुमानकर्ता स्काईमेट के अनुसार, दो सप्ताह से बारिश नहीं होने व शुष्क पश्चिमी हवाओं की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हुई, खास तौर से सोमवार को।
स्काईमेट के निदेशक महेश पलावत ने कहा, “पिछले दो सप्ताह से मॉनसून पूर्व की गतिविधि नहीं हुई है। इसलिए बारिश नहीं हुई है। इसके अलावा, पाकिस्तान और राजस्थान से आने वाली शुष्क हवाओं ने लू की स्थिति को बढ़ाने में योगदान दिया है।”
देश के पश्चिमी, मध्य व उत्तरी भागों में सोमवार को तापमान में बढ़ोतरी हुई, जिससे लू की स्थिति गंभीर हो गई।
हालांकि, स्थिति के मंगलवार से सहज होने की उम्मीद है, ऐसा मानसून के आगे बढ़ने की संभावना से है। हालांकि मानसून के दिल्ली में जुलाई के पहले हफ्ते तक पहुंचने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी व उत्तर भारत के हिस्सों में मंगलवार शाम को बारिश होने की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है।
पलावत ने कहा, “अरब सागर में एक चक्रवात की स्थिति बन रही है, जबकि एक राजस्थान के ऊपर बन रहा है। इससे दिल्ली में दो-तीन दिनों तक बारिश होगी।”
मानसून के पहुंचने के साथ लू की स्थिति खत्म होगी। पश्चिमी हवाएं रुक जाएंगी और पूर्वी हवा नमी के साथ उत्तरी क्षेत्र में चलेगी।
पलावत ने कहा, “इससे आद्र्रता में वृद्धि होगी, लेकिन तापमान 40 से 43 डिग्री के पार नहीं होगा।”