नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की सम-विषम यातायात योजना का दूसरा चरण राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार से शुरू हो गया। प्रदूषण से मुकाबले के लिए शुरू की गई इस योजना की जहां दिल्लीवासी एवं सोशल मीडिया पर सराहना की गई, वहीं विपक्ष ने इसकी निंदा की।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने जहां इस योजना के सुचारु संचालन पर संतोष जताया, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसका समर्थन नहीं किया। उन्होंने पहले सार्वजनिक परिवहन को दुरुस्त करने की मांग की।
इस योजना के तहत दोपहर तक नियम तोड़ने वाले 500 से ज्यादा वाहनों का चालान किया गया। इस अभियान को सुचारु रूप से चलाने के लिए लगभग 2,000 ट्रैफिक पुलिसकर्मी और 400 पूर्व सैनिक जुटे रहे।
योजना के कार्यान्वय नें 4000 से ज्यादा सिविल डिफेंस के कार्यकर्ता भी जुटे थे जिनमें ज्यादातार युवा शामिल थे। ये विभिन्न चौराहों पर हरे छाते के नीचे खड़े थे। वे लोगों को पर्यावरण बचाने का संदेश देनेवाले पैम्फलेट बांट रहे थे। साथ ही वे नियमों का उल्लंघन करने वालों को गुलाब का फूल भी भेंट दे रहे थे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे हर महीने लागू करने की बात कही है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “सम-विषम आज से शुरू होता है। चलिए, सब हाथ मिलाएं और इसे सफल बनाने का संकल्प लें।”
वहीं, परिवहन मंत्री गोपाल राय ने योजना के दूसरे चरण की प्रारंभिक प्रतिक्रिया पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस में सवार होकर योजना का कार्यान्वयन का जायजा लिया और संतोष जाहिर किया।
दिल्ली में 31 मार्च, 2015 के अनुसार, 26 लाख पंजीकृत कार हैं। शुक्रवार को सम-विषम योजना की वजह से सम संख्या वाली कारें सड़कों पर नहीं उतरीं।
सम-विषम योजना का मकसद प्रदूषण पर लगाम लगाना है। इस योजना के तहत, शुक्रवार को केवल विषम नंबर जैसे 1,3,5 आदि नबंरों वाली कारों को सड़कों पर चलने की इजाजत थी। इस नियम का पालन न करने वालों पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
दिल्ली यातायात पुलिस ने सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक योजना का उल्लंघन करने वाले 511 लोगों का चालान किया। उधर, दिल्ली परिवहन विभाग ने 427 लोगों के चालान किए।
सम-विषम योजना 30 अप्रैल तक सुबह आठ से रात आठ बजे तक लागू रहेगा, जिसमें रविवार का दिन शामिल नहीं होगा।
दूसरे चरण के लिए भी कमोबेश पहले चरण जैसे ही नियम लागू किए गए हैं। इस चरण में केवल एक नया नियम है और वह यह कि उन फोर व्हीलर पर यह लागू नहीं होगा, जिनमें वर्दीधारी विद्यार्थी सवार हैं और जिन्हें महिलाएं चला रही हैं।
यह योजना सीएनजी से चलने वाले सभी वाहनों, दुपहिया वाहनों, महिला दुपहिया वाहन चालकों और वीआईपी की कई श्रेणियों पर भी लागू नहीं होता है।
वहीं, दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने शुक्रवार को उन खबरों का खंडन किया, जिसमें कहा गया है कि वे सम-विषम योजना के खिलाफ हड़ताल करने जा रहे हैं। एसोसिएशन ने कहा है कि वे प्रदूषण घटाने की सरकार की इस पहल के साथ हैं।
डीपीडीए के प्रवक्ता अतुल पेशावरैया ने आईएएनएस से कहा, “कोई हड़ताल नहीं है। यह अफवाह है। किसी ने संभवत: व्यक्तिगत रूप से यह बात कह दी है, जिसे गलत समझा गया है। एसोसिएशन दिल्ली सरकार की सम-विषम पहल का समर्थन करता है।”
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था तुरंत सुधारने की मांग की है। उधर सामाजिक कार्यकर्ता और आप से निष्कासित नेता, वकील प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार की यातायात संबंधी सम-विषम योजना को एक ‘तिकड़म’ करार दिया।
आप के पूर्व सदस्य और कभी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबियों में से एक कहे जाने वाले प्रशांत ने कहा कि प्रदूषण से बचने के लिए नागरिक कई बेहतर सुझाव दे सकते हैं।
प्रशांत ने अपने ट्विटर पर साझा किया, “प्रदूषण से निपटने के लिए नागरिक सम-विषम योजना जैसे तिकड़म से बेहतर सुझाव दे सकते हैं।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि बिना योजना के शुरू की गई सम-विषम से लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
कांग्रेस प्रदेश प्रमुख अजय माकन ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार किए बिना आप सरकार दिल्ली के लोगों पर सम-विषम योजना थोप रही है।