नई दिल्ली-देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का तीसरा मरीज मिला है. दिल्ली में रहने वाला नाइजीरिया का एक और शख्स मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox) से संक्रमित पाया गया है. न्यूज एजेंसी ANI के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है. इससे पहले सोमवार को भी 35 साल का एक नाइजारियाई शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. देश में यह मंकीपॉक्स का आठवां (Monkeypox India Cases) केस है.इससे पहले आज ही केरल में मंकीपॉक्स का एक नया मामला सामने आया था और देश में मरीजों की संख्या 7 तक पहुंच गई थी. वहीं, केरल में यह मंकीपॉक्स का पांचवां केस था.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि मंकीपॉक्स को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव निगरानी की जा रही है. राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंकीपॉक्स से जुड़े पूरक सवालों का जवाब देते हुए मांडविया ने यह भी कहा कि इससे घबराने या डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कोविड-19 बीमारी की तरह तेजी से नहीं फैलती है बल्कि बहुत नजदीकी संपर्क में आने पर ही यह संक्रमण फैलता है. उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स के संक्रमण की जांच के लिए देश के 15 संस्थानों को चिह्नित किया गया है और आवश्यकता पड़ी तो इसमें अन्य संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है.
मांडविया ने कहा कि मंकीपॉक्स का संक्रमण कोई नया नहीं है और पहली बार यह 1970 में अफ्रीका से लेकर दुनिया के कुछ अन्य देशों में पाया गया था. उन्होंने कहा कि जब वर्तमान में भी इसके मामले दिखने लगे तब जाकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस पर विशेष ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि बहुत करीबी संपर्क में आने पर ही यह संक्रमण फैलता है, जैसे मां से बच्चे में और पति से पत्नी में या पत्नी से पति में. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के अनुभवों से सीख लेते हुए सरकार ने पहले ही मंकीपॉक्स से निपटने की तैयारी आरंभ कर दी थी.
उन्होंने कहा, ‘भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को सामने आया था. उन्होंने कहा, ‘वैसे तो किसी भी बीमारी को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, लेकिन मंकीपॉक्स से घबराने या डरने की आवश्यकता नहीं है. इससे ज्यादा खतरा नहीं है. थोड़ा भी सतर्क रहा जाए तो हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं.’