नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। ईसाई समुदाय ने रविवार को प्रार्थनाओं और वैभवशाली भोजन के साथ ईस्टर का त्योहार मनाया। इस बीच पुलिस ने सभी प्रमुख सभाओं को सुरक्षा प्रदान की।
कुछ लोगों ने जहां एक दिन पहले ईस्टर के जुलूस में भाग लिया वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने शहर के गिरजाघरों में जाकर ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा लिया।
विशेष पुलिस आयुक्त दीपक मिश्र ने कहा कि शहर में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी गिरजाघरों की सख्त निगरानी रखने के लिए कहा गया था।
मिश्रा ने आईएएनएस से कहा, “हमने प्रत्येक गिरजाघर के बाहर पर्याप्त संख्या में अधिकारियों और सशस्त्र पुलिस कर्मियों को तैनात किया। कई गिरजाघरों के बाहर पीसीआर वैन को तैनात किया गया था।”
फेडरेशन ऑफ कैथोलिक एसोसिएशन के सचिव एम.एस. स्टेनिसलौस ने कहा कि हाल के दिनों में कुछ गिरजाघरों पर हुए हमलों के मद्देनजर सरकार को ईसाई संस्थानों के बाहर सुरक्षा तैनात करनी पड़ रही है।
स्टेनिसलौस ने आईएएनएस से कहा, “ईस्टर से पहले एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी के साथ बातचीत की थी। अब से ईसाई धर्म के हर एक त्योहार पर गिरजाघरों के बाहत सुरक्षा तैनात रहेगी।”
कश्मीरी गेट के पास स्थित संत जेम्स चर्च के मोहित हिटर का कहना है कि रविवार को पुलिस की तैनाती और हाल की जानबूझकर हानि पहुंचाने वाली घटनाओं में कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “हर साल क्रिसमस, गुड फ्राइडे और ईस्टर जैसे त्योहारों पर इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था रहती है।”
संत जेम्स चर्च के एक समुदाय सदस्य ने हालांकि कहा, “स्पष्ट तौर पर गिरजाघरों और की बढ़ी सुरक्षा हाल के दिनों में गिरजाघरों और ईसाई स्कूलों पर हुए हमले के कारण है।”
उन्होंने कहा, “इससे साफ है कि सरकार ईसाइयों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।”
उन्होंने कहा, “ईस्टर वह दिन है जब ईसा मसीह ने दोबारा जन्म लिया था। हम इसे उनका जी उठना कहते हैं, और मानते हैं कि जिसकी भी मौत हुई है उसे एक दिन पुनर्जीवित होना है।”
इस त्योहार के बारे में बातचीत करते हुए 27 वर्षीय मैथ्यू ने कहा कि लोग इस दिन बच्चों को चॉकलेट बांटकर मनाते हैं। अंडा आज के दिन बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह जीवन का प्रतीक है।