नई दिल्ली-प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के दिल्ली से जुड़े कई परिसरों (वसंत कुंज में उनके घर, अधचीनी में उनके कार्यालय और महरौली में एक बाल गृह) पर गुरुवार को छापे मारे.
माना जा रहा है कि ईडी का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से फरवरी में सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (सीईएस) के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है. यह संस्थान मंदर चलाते हैं और वह इसके निदेशक भी हैं.
अधचीनी में सीईएस कार्यालय में ईडी के कम से कम सात अधिकारी मौजूद थे. राजनीतिक विश्लेषक जोया हसन, कार्यकर्ता बेजवाड़ा विल्सन, दिवंगत नौकरशाह केशव देसिराजू और अर्थशास्त्री दीपा सिन्हा सीईएस के बोर्ड सदस्य हैं.ईडी ने गुरुवार को जिन विभिन्न स्थानों पर छापा मारा, उनमें एक बाल गृह है, जिसे उम्मीद अमन घर कहा जाता है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो और उनकी टीम ने 1 अक्टूबर, 2020 को बेघर लड़कों के लिए ‘उम्मीद अमन घर’ और लड़कियों के लिए ‘खुशी रेनबो होम’ आश्रय गृह में औचक निरीक्षण किया था, जो दक्षिण दिल्ली में स्थित हैं.
इसके बाद जनवरी 2021 में शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने बुनियादी ढांचे, वित्त पोषण और संचालन लाइसेंस में कई अनियमितताओं की सूचना दी, जिनमें से सभी ने कथित तौर पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे अधिनियम) और इसके नियमों का उल्लंघन किया. इसने यह भी कहा कि घरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं किया गया.