नई दिल्ली, 5 जनवरी –राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भाजपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत आस है और इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली में दर्जनभर से अधिक रैलियों को संबोधित करेंगे। चुनाव फरवरी में होने की संभावना है।
दिल्ली में भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा नहीं है और इसीलिए पार्टी मोदी की छवि के नाम पर वोट पाना चाहती है।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि चुनाव में मोदी की नजर राजधानी की अवैध कालोनियों में रहने वाले 60 लाख लोगों पर होगी।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भरोसा है कि अवैध कालोनियों को नियमित करने के केंद्रीय कैबिनेट के फैसले से दिल्ली के चुनावों में भाजपा को भारी फायदा होगा।
केंद्र सरकार के अवैध कालोनियों को नियमित करने के फैसले के अंतर्गत एक जून 2014 तक बनीं कालोनियां आएंगी।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “मोदी पूरी दिल्ली में 12 से 14 रैलियां करेंगे। हम चाहते हैं कि वह दिल्ली के सभी जिलों में रैलियों को संबोधित करें।”
दिल्ली में भाजपा 15 वर्षो से सत्ता से बाहर है और इस बार के चुनाव में इसकी सीधी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन से उभरी आम आदमी पार्टी (आप) से है। आप को पिछले साल सरकार बनाने का मौका मिला था, लेकिन भ्रष्टाचार-रोधी जन लोकपाल विधेयक पर सदन में समर्थन नहीं मिलने के कारण पार्टी ने सत्ता छोड़ दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था, “हमने जन लोकपाल के लिए आंदोलन किया। जब हमारा मुख्य एजेंडा धरा रह गया, तब सरकार क्या चलाएंगे।”
भ्रष्टाचार आज भी आप का अहम मुद्दा है, मगर भाजपा के लिए अहम एजेंडा विकास है, भ्रष्टाचार नहीं।
भाजपा के लिए दिल्ली की जीत के महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव में मोदी ने राजधानी में पांच रैलियां की थीं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, “पिछली बार भी हम चाहते थे कि वह दिल्ली में कुछ और रैलियों को संबोधित करें, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। हमें लगता है कि कुछ कारण हो सकते हैं, जिस कारण हम पिछली बार के चुनावों में जीत के पायदान से थोड़ी दूरी पर रहे।”
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने अकाली दल के एक विधायक के समर्थन से 31 सीटें जीती थीं, लेकिन बहुमत के आंकड़े (36) से दूर रह गई थी।
भाजपा नेता ने कहा, “इस बार के चुनाव में अवैध कालोनियों पर भी ध्यान दिया जाएगा। उम्मीद है कि मोदी के नाम का जादू चलेगा।”