नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई की सहमति जता दी, जिसमें तेजाब की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार को निर्देश देने तथा तेजाब हमले की शिकार हुई पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक ठोस नीति बनाने की मांग की गई है।
न्यायाधीश बी.डी.अहमद तथा न्यायाधीश संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने कहा कि तेजाब हमले की पीड़िता द्वारा दाखिल याचिका पर 21 जनवरी को सुनवाई होगी।
जनहित याचिका दाखिल करने वाले स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) छांव ने कहा कि सरकार राजधानी में तेजाब की अवैध बिक्री पर सर्वोच्च न्यायालय के 18 जुलाई, 2013 के आदेश को लागू करने में विफल रही है। यह संस्था तेजाब हमले की शिकार हुई पीड़िताओं के लिए काम करती है।
एनजीओ की तरफ से पेश हुए वकील गौरव कुमार बंसल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद राजधानी में हाल में तेजाब से हमले के कई मामले सामने आए हैं।
याचिका के मुताबिक, “तेजाब की बिक्री पर नियंत्रण के लिए व्यावसायिक क्षेत्र के लिए कोई दिशा-निर्देश तैयार करने में राज्य तथा केंद्र सरकार विफल रही है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक, निजी तथा सरकारी उपक्रमों में तेजाब के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश बनाया जाना चाहिए।”
याचिका में तेजाब हमले का शिकार हुई पीड़ितों के राहत व पुनर्वास के लिए एक ठोस नीति बनाने के लिए केंद्र तथा दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।