नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के लिए शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का एक फैसला किरकिरी बना। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के कानून मंत्री के खिलाफ दायर याचिका को वापस लेने की अर्जी को खारिज कर दिया। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर ने स्नातक की नकली और फर्जी डिग्रियों के आधार पर खुद को वकील के रूप में पंजीकृत कराया है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने फर्जी स्नातक डिग्री के आधार पर वकील के रूप में पंजीकरण कराने के आरोप लगाने वाली याचिका को गंभीरता से लेते हुए जितेंद्र तोमर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, चुनाव आयोग और उन विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है जहां पर उन्होंने शिक्षा ग्रहण करने का दावा किया है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से पेश हुए वकीलों ने न्यायालय में कहा कि यह मामला गंभीर है और इसीलिए याचिका को वापस लेने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। जिसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता वकील संतोष शर्मा की याचिका वापस लेने की अपील को ठुकरा दिया।
संतोष शर्मा द्वारा दायर की गई याचिका के मुताबिक, तोमर ने बिहार के विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी कॉलेज में छात्र के रूप में दाखिला लेने के लिए डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश से स्नातक की फर्जी डिग्री दिखाई है।
इस याचिका में कहा गया है कि तोमर का वकील के तौर पर पंजीकरण विश्वनाथ इंस्टीट्यूट से मिली डिग्री के आधार पर किया गया था, लेकिन वह वकील के तौर पर पंजीकृत होने अथवा वकालत के छात्र के रूप में दाखिला लेने के पात्र ही नहीं हैं।
संतोष शर्मा ने बुधवार को जब अपनी जनहित याचिका वापस लेनी चाही तो अदालत ने उनकी अपील को खारिज कर दिया साथ ही तोमर और राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने को कहा।
इसी बीच बार काउंसिल के सदस्यों ने कहा कि राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने एक उत्तर में कहा है कि उसके पास तोमर को डिग्री देने संबंधी कोई रिकॉर्ड नहीं है। तोमर का दावा है कि उन्होंने अवध विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक किया है।
न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल का समय निश्चित किया है। न्यायामूर्ति ने कहा, “यह जिज्ञासा पैदा करने वाली याचिका है।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिका लोगों पर दवाब डालने के लिए दायर की गई थी।