चेन्नई, 21 मार्च (आईएएनएस)। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने दिनकरण समाचार पत्र आगजनी मामले में नौ लोगों की आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 2007 में हुई इस आगजनी में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
अदालत ने सात अन्य दोषियों को पांच साल कैद की सजा सुनाई है।
निचली अदालत ने सभी आरोपियों को मामले से बरी कर दिया था जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि दिनाकरण समाचार पत्र के तीनों मृतक कर्मचारियों गोपीनाथ, विनोद और मुथुरामलिंगन के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
अदालत ने जिन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है उनमें वी.पी. पांडी उर्फ ‘अटैक पांडी’ शामिल है। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.के. अलागिरी का समर्थक रहा है और कुछ साल पहले डीएमके से निष्कासित किया जा चुका है।
वर्ष 2007 में दिनाकरण समाचार पत्र ने एक सर्वे प्रकाशित किया था कि डीएमके प्रेसिडेंट एम.के. करुणानिधि के बाद सबसे उपयुक्त उत्तराधिकारी कौन होगा।
सर्वे के मुताबिक, अलागिरी को स्टालिन से नीचे स्थान पर रखा गया था जिससे उनके समर्थक नाराज हो गए और समाचार पत्र कार्यालय पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया था जिससे वहां आग फैल गई और तीन कर्मचारियों की मौत हो गई।