Saturday , 6 July 2024

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दक्षिण भारत में बढ़ रही जेहादी अतिवादिता

7438440792_d759eab190अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल देश के दक्षिणी राज्यों में बढ़ रहे जेहादी कट्टरवाद के प्रति अपनी गहरी चिन्ता व्यक्त करता है। यद्यपि अलगाववादी तथा पृथकतावादी शक्तियाँ समूचे भारत में विद्यमान हैं परन्तु गत कुछ समय से विशेषकर दक्षिण भारत में, मुस्लिम युवाओं में इन तत्वों का बढ़ता प्रभाव; आतंकवाद का प्रशिक्षण देकर उन्हें अन्य राज्यों में फैलानेवाले गुट, हिन्दू कार्यकर्ताओं पर हमले, और राष्ट्रविरोधी माओवादी तथा अन्तर्राष्ट्रीय जेहादी संगठनों से इनकी मिलीभगत से ये तत्व देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुके हैं। अपने ढुलमुल रवैये के चलते अभी तक की सभी सरकारों के इन राष्ट्र विघातक तत्वों के प्रति आँखें मूँदना समस्त देशभक्तों के लिये अत्यंत चिन्ता का कारण बना है।

सिमी पर प्रतिबन्ध के उपरान्त ‘‘पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इण्डिया’’ (PFI)एवं उसके सहयोगी संगठनों के प्रादुर्भाव को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिये। कर्नाटक फॉर डिग्निटी¼KFD)तमिलनाडू के ‘मनिथा नीति पासराई’ (MNP)व केरल के ‘नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट’(NDF)जैसे संगठनों के समन्वय से बना यह संगठन ”लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के प्रसार“, की आड़ में वस्तुतः कट्टटरपंथी विचारों के प्रसार का ही कार्य कर रहा है। बड़ी मात्रा में मुस्लिम युवकों को बरगलाना; उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण; NIA विशिष्ट न्यायालय द्वारा‘कश्मीर भर्ती प्रकरण’ के निर्णय से उजागर हुई देश के अन्य राज्यों में आतंकवाद फैलाने की योजना; पुलिस तथा सरकारी तंत्र में घुसपैठ; लश्कर-ए-तोएबा, हिजबुल मुजाहीद्दीन, अलकायदा जैसे संगठनों से इन तत्वों के संबंध की केरल सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में दी गई स्वीकारोक्ति से इन संगठनों का असली चेहरा तथा उद्देश्य स्पष्ट होता है। इन संगठनों के द्वारा राजनैतिक मुखौटे की आड़ में देश के अन्यान्य भागों में विस्तार करने के प्रयासों को प्रारम्भ में ही निर्मूल कर देना चाहिए।

ये कट्टरपंथी ताकतें केरल को असामाजिक एवं राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का अखाड़ा बना रही हैं। जहाँ उत्तरी केरल आतंकवादियों की प्रशिक्षण-स्थली एवं छिपने का सुरक्षित क्षेत्र बन रहा है वहीं नकली मुद्रा व सोने की तस्करी के बलपर तटीय एवं सामरिक महत्व के अन्य क्षेत्रों में ये तत्व मँहगे दामों पर जमीन की भारी खरीददारी कर रहे हैं। हिन्दू युवक-युवतियों को योजनापूर्वक रूप से बहकाने का कुचक्र, विद्वेषपूर्ण जेहादी साहित्य का बड़ी मात्रा में वितरण;कुछ प्रचार माध्यमों द्वारा किया जा रहा विषैला दुष्प्रचार और विशेषकर उत्तर केरल में मुस्लिम आबादी की विषम अनुपात में वृद्धि आदि से राज्य विस्फोट के कगार पर खड़ा हो चुका है। 1998 के कोयम्बतूर बम विस्फोट प्रकरण सहित अनेकों आतंकवादी घटनाओं में अभियुक्त कुख्यात अपराधी अब्दुल नाज़िर मदनी के पारिवारिक कार्यक्रम में मंत्रियों सहित विभिन्न राजनेताओं का सम्मिलित होना एवं केरल सरकार द्वारा मराड़ नरसंहार के केस को सी.बी.आई. को जाँच हेतु सौंपने से इन्कार करना आदि घटनाओं नें इन्हें मिल रहे खुले राजनैतिक समर्थन को उजागर किया है जिसके चलते इन तत्वों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि वे केरल में राष्ट्रवादी हिन्दू नेताओं की हत्या के षडयंत्र रचने लग गये है। वर्तमान यू. डी. एफ. (U.D.F.)सरकार इन सभी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के प्रति मूकदर्शक बनी हुई है।

इन आतंकी लपटों ने अब पड़ोसी राज्यों कर्नाटक व तमिलनाडू को भी घेर लिया है। तमिलनाडू में हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं तथा उनके कार्यालयों पर आक्रमण; हिन्दू समाज के धार्मिक आयोजनों पर आघात; अमेरिकन वाणिज्य दूतावास पर उग्र प्रदर्शन; हाल ही में हुई हिन्दू मुन्नानी तथा भा.ज.पा. के राज्यस्तरीय नेताओं की हत्यायें व आन्ध्र प्रदेश के पुत्तुर में पुलिस के साथ हुई सशस्त्र मुठभेड़, इन तत्वों के राज्य में बढ़ते प्रभाव का परिचायक है। दुर्भाग्यवश राज्य के सत्तासीन एवं विपक्षी दल, दोनों ही अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की होड़ में इन तत्वों की पूर्णतया अनदेखी कर रहे हैं। भटकल जैसे कर्नाटक के तटीय क्षेत्र शस्त्रों के गोदाम, बम प्रशिक्षण तथा आतंक फैलाने के केन्द्र बन चुके हैं। ये ताकतें दक्षिण भारत के हिन्दू धार्मिक स्थल यथा तिरुपति, मदुरई, शबरी मलाई, आदि को अपना निशाना बनाने का षड्यन्त्र भी रचती रही हैं।

अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल केन्द्र एवं सम्बन्धित राज्य सरकारों से यह मांग करता है कि इन कट्टरपंथी समूहों की गुप्त गतिविधियों, उनके भारत तथा भारत से बाहर के सम्पर्क सूत्रों व आर्थिक स्रोतों के बारे में केन्द्रीय एजेन्सियों द्वारा सघन जाँच एवं PFI जैसे संगठनों पर प्रतिबंध सहित अन्य कड़े उपायों द्वारा इन शक्तियों को निर्मूल करें। अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल प्रचार माध्यमों सहित सभी राष्ट्रभक्त शक्तियों का आवाहन करता है कि इन तत्वों के प्रति सजग रहते हुए विभिन्न राजनैतिक दलों व सरकारों को इनके विरूद्ध कठोर कदम उठाने के लिये बाध्य करें।from rss.org

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