जायरा वसीम जो कुछ समय पहले तक एक अनजान चेहरा थीं, वह बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की आगामी फिल्म ‘दंगल’ में मिले एक किरदार के बाद अपने जन्मस्थान कश्मीर में एक जाना माना नाम बन गई हैं।
हजारों लड़कियों में से चुनी गईं जायरा ने कभी सोचा न था कि उन्हें फिल्म में मौका मिलेगा, लेकिन खुशकिस्मती से उन्हें पहलवान गीता फोगट की भूमिका निभाने का मौका मिल गया।
मुंबई में छह महीने शूटिंग करने के बाद जायरा श्रीनगर वापस लौट आई हैं।
जायरा ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “मैं चकाचौंध की दुनिया के लिए नई थी और सेट पर अपने सह-अभिनेताओं के साथ काम करने में मुझे घबराहट हो रही थी।”
दसवीं कक्षा की छात्रा 15 वर्षीय जायरा ने कहा, “इस अनुभव ने मेरी पूरी जिंदगी बदल दी है। गीता फोगट का किरदार निभाने के लिए मुझे कुश्ती के गुर आने जरूरी थे। अपने किरदार के साथ न्याय करने के लिए मुझे कठिन शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा।”
जायरा ने कहा, “‘दंगल’ से पहले मैंने दो विज्ञापनों में काम किया था। मुझे फिल्म के कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा का कॉल मिला और मुझे एक महत्वपूर्ण कार्यशाला के लिए एक सप्ताह के लिए मुंबई आने को कहा गया। वहां कई लड़कियां थीं, जिन्होंने मुझसे ज्यादा विज्ञापनों और सीरियलों में काम किया था और उनके सामने अभिनय करना मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। मुझे लगा कि मुझे मौका नहीं मिलेगा।”
जायरा के लिए फिल्म में काम करने को लेकर एक चुनौती और थी। वह थी इसके लिए अपने माता-पिता को राजी करना।
जायरा ने कहा, “मेरी स्कूल की प्रधानाचार्य और मेरी एक रिश्तेदार ने मेरे फैसले का समर्थन किया और उन्होंने ही मिलकर मेरे माता-पिता को समझाया।”
फिल्म में मौका मिलने के बाद भी जायरा को नई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा।
फिल्म की शूटिंग की बात फैलते ही सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया।
जायरा ने कहा, “मेरे बारे में सोशल मीडिया पर कुछ गलत टिप्पणियां की गईं। लेकिन आमिर खान और फिल्म यूनिट के अन्य सदस्यों ने मेरी मदद की। मुझे अब भी कुछ ऐसी ही टिप्पणियां मिल रही हैं, लेकिन अब मैने इनसे निपटना सीख लिया है।”
जायरा ने कहा, “एक लड़की होने के नाते कश्मीर लौटने के बाद मुझे डर सता रहा है कि अब मेरे बारे में लोगों की कैसी प्रतिक्रिया होगी। लेकिन मुझे खुशी है कि मुझे अपने दोस्तों, परिवार और पड़ोसियों की प्रशंसा और सहयोग मिला। मुझे गर्व होता है जब लोग कहते हैं कि मैं कश्मीर का प्रतिनिधित्व कर रही हूं।”
जायरा का मानना है कि कश्मीर के लोगों को अपना हुनर पहचानना चाहिए, क्योंकि उनमें काफी हुनर और काबिलियत है।
बॉलीवुड के लिए भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर जायरा ने कहा, “मेरा कोई लक्ष्य नहीं है। जिंदगी मुझे जैसा मौका देगी मैं उसके अनुरूप ही फैसला लूंगी। मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन अगर मुझे किसी फिल्म का प्रस्ताव मिलेगा और वह मेरी पढ़ाई के आड़े नहीं आएगा तो मैं वह प्रस्ताव जरूर स्वीकार करूंगी।”