नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाले रक्तरोग-थैलेसीमिया पीड़ितों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए रोटरी क्लब ने रविवार को फैशन शो का आयोजन किया, जिसमें रोटेरियन, मॉड्ल्स एवं थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों सहित जानी-मानी हस्तियों ने रैम्प वॉक किया।
रोटेरियन मृदुला खत्री के नेतृत्व में एवं थैलेसीमिया फाउंडेशन व रक्तदान ऐप के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रोटेरियन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के विषय को भी दर्शाया गया और साथ ही डांस आउट ऑफ पोवर्टी की शानदार प्रस्तुति दी गई।
उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता और आरसीडी पंचशिला पार्क की अध्यक्ष रोटेरियन मृदुला खत्री ने बताया कि यह चैरिटी कार्यक्रम फैशन वॉक से अधिक वॉक फॉर कॉज है और यहां से एकत्रित धनराशि को थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के टेस्ट व उनकी मदद एवं रक्तदान ऐप की जागरूकता हेतु इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल, दिमाग और भावनात्मक रूप से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों और रक्तदान की महत्ता को समझाना जरूरी है।
कार्यक्रम के दौरान लगभग 80 रोटेरियन, मॉड्ल्स, बच्चों की वॉक भाव-विभोर करने वाली रही। इस दौरान रक्तदान ऐप के विषय में जानकारी दी गई। संजय खत्री ने इस ऐप का आविष्कार किया जो कुछ अलग कर गुजरने के उनके जज्बे को दिखाता है। यह भारत भर में मौजूद है और इस ऐप में किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगता। ऐप से 25000 लोग जुड़े हैं और लगभग 2000-3000 लोगों ने इसकी सेवाओं का लाभ लिया है। जानने की बात यह है कि भारत को 1 करोड़ 20 लाख यूनिट रक्त की जरूरत है, लेकिन इसमें 30 लाख यूनिट की कमी है।
थैलेसीमिया फाउंडेशन थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को मुफ्त में सभी सेवाएं प्रदान करता है चाहे दवा, रक्त संक्रमण, यात्रा या किसी अन्य तरह की जरूरत हो। थैलेसीमिया एक विकार है जो विरासत में मिला है (यानी, माता-पिता से जीन के माध्यम से बच्चों में आता है)। रक्त विकार तब होता है जब शरीर पर्याप्त रक्त प्रोटीन नहीं बनाता है, जिसे लाल रक्त कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हीमोग्लोबिन कहा जाता है।
रोटेरी क्लब ऑफ दिल्ली पंचशील पार्क की अध्यक्ष रोटेरियन मृदुला खत्री द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में रोटेरी क्लब ऑफ दिल्ली फेमिना, रोहतक, फरीदाबाद मिड टाउन, फरीदाबाद अरावली, दिल्ली साउथ-वेस्ट, राजधानी एवं रोहतक स्कॉलर्स ने सहयोग दिया और डीसीबीबी पीपी रोटेरियन महेश त्रिखा ने भी विशिष्ट समर्थन प्रदान किया।