बैंकाक, 23 जनवरी (आईएएनएस)। थाईलैंड की कार्यवाहक संसद ने पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा के खिलाफ चावल पर सब्सिडी योजना में अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा पाने के मामले में महाभियोग शुरू करने को मंजूरी दे दी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संसद में महाभियोग के समर्थन में 190 मत पड़े, जबकि विरोध में 18 मत डाले गए। थाईलैंड की नेशनल लेजिस्लेटिव एसेंबली (एनएलए) के आठ सदस्य इस दौरान अनुपस्थित रहे।
शिनावात्रा के खिलाफ हुई वोटिंग के बाद वह अब पांच साल तक राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहेंगी।
इससे पहले अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने बताया था कि शिनावात्रा के खिलाफ लोगों को चावल मुहैया कराने की विवादास्पद योजना में उनकी संलिप्तता को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
अटार्नी जनरल कार्यालय ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय के आपराधिक विभाग में शिनावात्रा के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
इस मामले में शिनावात्रा के दोषी पाए जाने पर उन्हें 10 साल कैद की सजा हो सकती है।
इस बीच, एनएलए ने सीनेट के पूर्व अध्यक्ष निकहोम वारातपनिक और प्रतिनिधि सभा के पूर्व अध्यक्ष सोमसाक कियातसुरैनन के खिलाफ महाभियोग चलाने की अनुशंसा को खारिज कर दिया है।
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी आयोग ने दोनों नेताओं के खिलाफ सीनेट की संरचना में सशोधन प्रस्ताव को पारित करने में उनकी भूमिका के लिए महाभियोग चलाने की अनुशंसा की थी। संवैधानिक न्यायालय ने इस संशोधन को असंवैधानिक करार दिया था।
निखोम के मामले में महाभियोग के समर्थन में 95 वोट, जबकि सोमसाक के मामले में 100 वोट पड़े, जो 220 सदस्यीय एनएलए में आवश्यक 132 वोट से कम हैं।