इंफाल, 5 जून (आईएएनएस)। भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग शुक्रवार को इंफाल पहुंचे। इसके एक दिन पहले ही उग्रवादियों ने सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एस.न्यूटन ने गुवाहाटी में कहा कि सेना प्रमुख चंदेल जिले का दौरा कर सकते हैं, जहां डोगरा रेजिमेंट के जवान गुरुवार सुबह हुए हमले में शहीद हो गए थे।
सेना ने हमले के तत्काल बाद अभियान शुरू किया, जो कि इलाके में उग्रवाद विरोधी अभियान जल्द तेज करेगा।
नागा विद्रोही संगठन एनएससीएन-के ने हमले की जिम्मेदारी ली है। सेना के वाहनों के काफिले पर देसी बम तथा रॉकेट से दागे जाने वाले ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला किया गया था। कोई 50 की संख्या में उग्रवादियों ने काफिले पर भारी गोलीबारी भी की।
एनएससीएन-के ने गुरुवार शाम मीडिया को जारी बयान में कहा, “नागा आर्मी, कनग्लेई योवोल कान्ना लुप(केवाईकेएल) और कानग्लेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी(केसीपी) की हमला करने वाली प्रशिक्षित इकाई ने गुरुवार को घात लगाकर हमला किया।”
सेना ने कहा कि काफिले के पहले वाहन पर आरपीजी से हमला किया गया, जिसमें सबसे ज्यादा जवान शहीद हुए।
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, उग्रवादी म्यांमार भाग गए।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा के विपरीत भारत तथा म्यांमार की 1,643 किलोमीटर की सीमा में बाड़ नहीं लगा है और दोनों तरफ के 16 किलोमीटर के रास्ते पर मुक्त आवाजाही की इजाजत है।
यह हमला पिछले तीन दशकों में सबसे बड़ा था।
घायलों को लीमाखांग सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि उग्रवादियों की धरपकड़ के लिए और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है।
इससे पहले दो अप्रैल को एनसीएसएन-के ने अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में घात लगाकर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे।
नवगठित युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ वेस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया के उग्रवादियों द्वारा तीन मई को नागालैंड के मॉन जिले में किए गए हमले में असम राइफल्स के सात और टेरीटोरियल आर्मी के एक जवान शहीद हो गए थे। एनएससीएन-के, उल्फा, कामतापुर लिबरेशन आर्गेनाइजेशन और एनडीएफबी-सोंगबिजीत इसका हिस्सा हैं।