अगरतला, 3 अगस्त (आईएएनएस)। वाम मोर्चा सरकार ने त्रिपुरा में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना करने का निर्णय लिया है। सोमवार को सरकार के एक मंत्री ने कहा कि यह फैसला शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र में लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती ने आईएएनएस को बताया, “विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक विधेयक मानसून सत्र में पेश किया जाएगा, जिससे राज्य में शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।”
मंत्री ने कहा कि विधानसभा में बिल पारित होने और राज्यपाल से सहमति प्राप्त करने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और अनुमोदन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भेजा जाएगा।
मानसून सत्र के चार दिन और बाकी हैं।
वर्तमान में त्रिपुरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय हैं।
प्रस्तावित राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालय का नाम तत्कालीन त्रिपुरा राजा महाराजा वीर विक्रम किशोर माणिक्य बहादुर (1923-1947) होगा। जो अगरतला में 1947 में स्थापित हुआ पहला डिग्री कॉलेज है।
वर्ष 1987 में स्थापित मौजूदा त्रिपुरा विश्वविद्यालय 2007 में केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में बदल गया था। इसे पूर्वी भारत में चौथा स्थान दिया गया था और हाल ही में निजी अध्ययन समूह द्वारा किए गए ताजा सर्वेक्षण में 43वां स्थान दिया गया।
केंद्रीय विश्वविद्यालय में कला और वाणिज्य में विज्ञान के क्षेत्र में 15 स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम और 19 पाठ्यक्रम हैं। इसके अलावा बांस की खेती और संसाधनों के उपयोग आदिवासी भाषा और रबर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक साल का स्नाकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम है।
मंत्री का कहना है कि त्रिपुरा विश्वविद्यालय के दबाव को कम करने के लिए प्रस्तावित विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा के प्रोत्साहन में मदद मिलेगी।
त्रिपुरा में वर्तमान समय में 22 डिग्री कॉलेज, दो मेडिकल कॉलेज और 15 व्यावसायिक और तकनीकी कॉलेज हैं जिनमें सलाना लगभग 18,000 छात्र दाखिला लेते हैं।