तेहरान, 13 जनवरी (आईएएनएस)। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मंगलवार को कहा कि बाजार में तेल की कीमतों में हो रही गिरावट से होने वाले नुकसान का ईरान सामना कर लेगा और मौजूदा हालात से बाहर निकल आएगा।
रूहानी ने कहा, “उन्हें लगता है कि उन्होंने ईरान को एक नई परेशानी में डाल दिया है। लेकिन आप सभी को पता होना चाहिए कि जिन लोगों ने कुछ देशों (ईरान सहित) के खिलाफ तेल की कीमत घटाने की साजिश रची है, वे इस पर पछताएंगे।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, फारस की खाड़ी के शहर बुशेहर में एक सभा को संबोधित करते हुए ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि तेल की कीमतों में गिरावट ज्यादा दिनों तक जारी नहीं रहेगी और ‘ईरान इस दबाव में नहीं रहेगा’।
रूहानी ने कहा कि 21 मार्च से शुरू हो रहे अगले ईरानी वर्ष के बजट में सरकार के राजस्व का एक तिहाई हिस्सा तेल की बिक्री पर आधारित है, जबकि साउदी अरब और कुबैत का 80 फीसदी सालाना बजट तेल के निर्यात पर निर्भर रहता है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि सरकार के राजस्व का 33 फीसदी हिस्सा तेल की बिक्री से आने की उम्मीद है। हमने अनुमान लगा लिए हैं कि तेल मूल्य घटने के कारण होने वाले संभावित घाटे से कैसे उबरना है।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन- ओपेक के सबसे बड़े निर्यातक साउदी अरब ने ईरान के तेल उत्पादन कम करने के आह्वान को नजरंदाज किया है।
तेल की कीमतों में लगभग 50 फीसदी की गिरावट आई है। मौजूदा समय में तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई है।
ईरान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक तेल निर्यात पर निर्भर है। तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले घाटे के अलावा पश्चिमी देशों द्वारा ईरान पर लगाए प्रतिबंध के कारण कच्चे तेल का निर्यात 60 फीसदी घटकर 10 लाख बैरल प्रति दिन रह गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।