हैदराबाद, 6 जून (आईएएनएस)। तेलंगाना में 12 कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष से कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) को सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) में विलय करने का आग्रह किया।
सदन में मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 12 सदस्य हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीनिवास रेड्डी से मुलाकात की और टीआएएस में सीएलपी में विलय को लेकर एक पत्र सौंपा। वह बाद में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के आधिकारिक आवास प्रगति भवन गए।
11 विधायकों ने पहले ही टीआरएस में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। बाद में तांडू विधानसभा क्षेत्र के रोहित रेड्डी ने भी टीआरएस में शामिल होने की घोषणा कर दी।
इस घटनाक्रम के बाद, सीएलपी नेता मल्लू भाटी विक्रमार्का, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी, वरिष्ठ नेता डी. श्रीधर बाबू, मोहम्मद अली शब्बीर और अन्य नेताओं ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जो विधायक उनकी पार्टी चिह्न् पर चुने गए हैं लेकिन अब टीआरएस में विलय चाहते हैं, उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से कई बार आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। अब ऐसा लगता है कि वे इन दल-बदल करने वाले नेताओं के आग्रह पर जल्द कार्रवाई करने जा रहे हैं।
उत्तम कुमार रेड्डी ने विधानसभा अध्यक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह विलय का निर्णय कैसे ले सकते हैं, जब उच्च न्यायालय में उनकी याचिका लंबित है।
विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करने से पहले, दल-बदल करने वाले नेताओं ने टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव से मुलाकात की और उन्हें सूचित किया कि उनके पास टीआरएस में सीएलपी के विलय के लिए जरूरी बहुमत है।
पिछले वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 120 सदस्यीय विधानसभा में एक नामित सदस्य समेत 19 सीटें मिली थीं।
दल-बदल रोकथाम अधिनियम के तहत, दलबदल करने वाले नेताओं को किसी भी पार्टी में विलय के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होती है।