कोलकाता, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। ममता बनर्जी सरकार की नीतियों को ‘पश्चिम बंगाल को बर्बाद करने वाली’ पूर्व वामा मोर्चा सरकार का ‘दर्पण प्रतिबिंब’ बताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस से सबसे बड़ी निराशा भ्रष्टाचार के प्रति उसकी कमजोरी से हुई है। कोई भी उसके हर काम में घोटाला ढूंढ सकता है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा कि सबसे बड़ी निराशा यह है कि तृणमूल भ्रष्टाचार होने देती है।
शारदा घोटाले, नारद स्टिंग ऑपरेशन समेत कई विवादों में घिरी तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा, “केवल चिटफंड योजना, कोई स्टिंग ऑपरेशन या फ्लाईओवर गिरने की बात नहीं है। आप किसी भी काम को उठाएं, आप उसमें कोई न कोई घोटाला पाएंगे।”
जेटली ने कहा, “सबसे बड़ी निराशा यह है कि तृणमूल भ्रष्टाचार की तरफ खिंची हुई है। एक के बाद एक घोटाले हो रहे हैं, लेकिन ये कोई एक-दूसरे से अलग घटनाएं नहीं हैं। न ही किसी एक या दो नेता की गलती हैं। ये सभी मामले एक ‘पैटर्न’ को दर्शाते हैं।”
जेटली ने कहा, “एक के बाद एक घोटालों से उनका नेतृत्व दागदार हो रहा है।”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा की निंदा करते हुए जेटली ने राज्य में उसके 34 वर्षो के शासन को ‘बुरा सपना’ बताया।
जेटली ने कहा, “तृणमूल ने वैकल्पिक नीतियां और वैकल्पिक राजनीतिक संस्कृति देने की जगह वाम मोर्चा की ही नीतियों को अपना लिया। इन नीतियों के साथ ही राज्य में कानून और व्यवस्था का पतन और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार भी मौजूद है।”
भाजपा नेता ने कहा, “वाम मार्चा ने बंगाल को नष्ट कर दिया और तृणमूल ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।”
जेटली ने स्टिंग ऑपरेशन की आंतरिक जांच कराने का आदेश देने के लिए भी तृणमूल का मजाक उड़ाया।
उन्होंने कहा, “रिश्वत लेना कोई पार्टी अनुशासनहीनता नहीं है, जिसकी वह आंतरिक जांच करा रहे हैं। आंतरिक जांच के जरिए आप किसी को पार्टी से बाहर निकाल सकते हैं। यह एक ऐसा अपराध है जिसकी जांच पुलिस या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जानी जरूरी है।”
जेटली ने रिश्वत घोटाले को तृणमूल नेता और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य द्वारा ‘दान’ बताने की कोशिश को भी सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, “पार्टी को मिलने वाले दान के लिए भी कुछ नियम कायदे हैं जिनका पालन किया जाना जरूरी है। अगर दान राशि 20,000 रुपये से ज्यादा है तो दानकर्ता का नाम दिया जाना जरूरी है। उसका विवरण चुनाव आयोग को दिया जाना जरूरी है। क्या उन्होंने ऐसा किया? पहले उन्हें यह करने दीजिए।”
जेटली ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर भी विश्वास जताया और राज्य के विकास के लिए काम करने का वादा किया।