नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)| तिहाड़ जेल में यौन उत्पीड़ित होने के बावजूद मुंह न खोलने की मजबूरी कई कैदियों के लिए एक कड़वी हकीकत बन गई है।
तिहाड़ प्रशासन जेल में कैदियों के बीच सम लिगी दुष्कर्म के मामले दर्ज करने को लेकर उदासीन बना हुआ है।
पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर पुलिस थाने के एक सूत्र ने बताया कि तिहाड़ प्रशासन इस तरह की घटनाओं की जानकारी भी साझा नहीं करना चाहता।
आईएएनएस को प्राप्त पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, दस मई 2015 को पुलिस थाने में एक पुरुष कैदी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था, जबकि पिछले साल सात मामले दर्ज किए गए थे।
आश्चर्य कि 2013, 2011 और 2010 में सम लिंगी दुष्कर्म का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। 2012 में पुलिस ने इस तरह का एक मामला दर्ज किया था।
तिहाड़ जेल के सूत्रों का कहना है कि जेल में दुष्कर्म एक वास्तविक डरावने सपने जैसा है।
तिहाड़ जेल के एक पूर्व कैदी ने कहा, “तिहाड़ जेल प्रशासन ने कैदियों के लिएि कई सुधार सत्र आयोजित किए हैं, इसके बावजूद जेल एक क्रूर स्थान बना हुआ है। खास तौर से उन लोगों के लिए जो बदमाशों और गुंडों से अपनी रक्षा नहीं कर पाते।”
पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी), जेल, मुकेश प्रसाद ने आईएएनएस को बताया, “तिहाड़ में समलिंगी दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं, लेकिन इनकी संख्या बाहर लगाए जाने वाले अनुमानों से बहुत कम है।”
डीआईजी का कहना है कि अधिक भीड़भाड़ वाली जेलों में इस तरह के दुष्कर्मो के लिए स्थान नहीं है। लेकिन जब भी इस तरह की घटना की शिकायत आती है। हम इसके खिलाफ कार्रवाई करते हैं।
हत्या के मामले में जेल से जमानत पर रिहा एक आरोपी का कहना है कि तिहाड़ जेल में गैंग सक्रिय हैं, जो कैदियों का यौन शोषण भी करते हैं।
आरोपी ने आईएएनएस को बताया, “प्रतिद्वंदी गैंग सदस्य अन्य गैंग सदस्यों से बदला लेने का कोई मौका नहीं छोड़ते। कैदियों को अपने जेल सेल से बाहर आने के दौरान समूहों में रहना पड़ता है ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।”
तिहाड़ जेल की पूर्व महानिदेशक (डीजी) किरण बेदी ने जेल परिसर में दुष्कर्म के मामलों के लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
बेदी ने आईएएनएस से कहा, “तिहाड़ में दुष्कर्म होते हैं। जेल के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों से यह सुनिश्चित होना चाहिए कि सभी कैदियों की गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा रहा है। यदि अभी भी दुष्कर्म हो रहा है तो इसका मतलब यह है कि सीसीटीवी फुटेज की सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है।”
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा 2007 से 2011 के बीच भारतीय जेलों से एकत्रित किए गए आंकड़ों के आधार पर जारी एक रपट में खुलासा किया गया है कि सम लिंगी दुष्कर्म की वजह से जेल में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं।
यह रपट, दिल्ली दुष्कर्म मामले के एक आरोपी द्वारा तिहाड़ जेल में की गई आत्महत्या से सत्यापित होती है।