नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। तंबाकू उत्पादकों और कारोबारियों ने बुधवार को सरकार द्वारा सिगरेट पैकेटों के ऊपर बड़े आकार की सचित्र चेतावनी छापने के नियम के खिलाफ प्रदर्शन किया।
नए नियमों के अनुसार, सिगरेट पैकेट के 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी छापनी जरूरी है। इस विरोध प्रदर्शन में अखिल भारतीय पान बिक्रेता संगठन (एबीपीवीएस) के 72 लाख कारोबारी, खुदरा बिक्रेता और तंबाकू बिक्रेता, पानवाले शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने प्रेस कल्ब ऑफ इंडिया से लेकर संसद भवन तक जुलूस निकाला।
बाद में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में बड़े आकार की सचित्र चेतावनी को वापस लेने की मांग करते हुए अपील दाखिल की।
अखिल भारतीय पान विकास संगठन के अध्यक्ष राम आसरे मिश्रा ने कहा, “सरकार क्यों चाहती है कि छोटे कारोबारी हमेशा डरावने तस्वीरों से घिरे रहे? हमें जबरदस्ती यह संदेश नहीं पहुंचाना है, जो हमारे लाखों सदस्यों और समुदाय के हितों के खिलाफ है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम अपने नेताओं से यह विनती करते हैं कि वे गरीब खुदरा बिक्रेताओं को नुकसान से बचाएं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गैर सरकारी संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय निकायों के निहित स्वार्थो के मद्देनजर सचित्र चेतावनी का आकार बढ़ाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने नए नियम के पीछे के असली उद्देश्यों की विस्तृत जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि इसे अलोकतांत्रिक तरीके से लागू किया जा रहा है।
मिश्रा ने कहा, “सरकार लाखों किसानों, श्रमिकों, ग्रामीण मजदूरों, छोटे खुदरा बिक्रेताओं और उन पर आश्रित परिवारवालों की अनदेखी कर रही है जो इस कारोबार पर निर्भर हैं।”
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दुनिया के शीर्ष तीन तंबाकू उपभोग करनेवाले देशों अमेरिका, जापान और चीन में तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर सचित्र चेतावनी देने का कोई कानून नहीं है।
टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (टीआईआई) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में तंबाकू उद्योग पर 4.57 करोड़ लोग आश्रित हैं।
तंबाकू उत्पादों के पैकेट के 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी देने का नियम 1 अप्रैल से लागू किया गया है। जबकि संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि सचित्र चेतावनी को 50 फीसदी हिस्से में लागू किया जाए, क्योंकि 85 फीसदी चेतावनी तंबाकू उद्योग के लिए काफी कड़ा नियम होगा।