बेंगलुरू/नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसान पर सचित्र चेतावनी को लेकर मचे घमासान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। मोदी ने ऐसे उत्पादों के पैकेटों पर बड़े आकार की सचित्र चेतावनी का पक्ष लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर बड़े आकार की सचित्र चेतावनी का पक्ष लिया है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा को इस मामले को देखने के लिए कहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बेंगलुरू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार का इरादा तंबाकू के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना है।
वित्त मंत्री ने पार्टी के सांसद दिलीप गांधी के उस टिप्पणी से पार्टी को अलग किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि तंबाकू से कैंसर होता है, इसकी पुष्टि के कोई सबूत नहीं हैं। जेटली ने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर कोई कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र है। सरकार सोच-समझकर फैसले लेती है।”
दिलीप गांधी तंबाकू और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के परीक्षण के लिए गठित एक संसदीय समिति के सदस्य हैं।
जेटली ने कहा, “तंबाकू के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए बहु आयामी दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा यहीं हैं और वही फैसला लेंगे।”
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2014 की अधिसूचना के मुताबिक, तंबाकू उत्पादों के पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी लगाना अनिवार्य किया जाना था, लेकिन इस मामले को लेकर गठित एक संसदीय समिति ने इसे टालने का फैसला किया, जिसकी सिफारिशों को स्वास्थ्य मंत्रालय को मानना पड़ा और सचित्र चेतावनी के आकार को बढ़ाने के फैसले को रद्द करना पड़ा।
इसी बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि सरकार का इरादा तंबाकू उत्पादों के पैकेटों के 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी के फैसले को लेकर आगे बढ़ना है।
सूत्रों के मुताबिक, समिति द्वारा दर्ज की गई रपट अंतरिम है और स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह किया गया है कि वह 85 फीसदी सचित्र चेतावनी के फैसले का क्रियान्वयन तबतक रोककर रखे, जबतक अंतिम रपट नहीं आ जाती।